इंदौर के डॉ. पीएस हार्डिया को पद्मश्री पुरस्कार, अपने क्षेत्र में किया है ये बड़ा काम

इंदौर के डॉ. पीएस हार्डिया को पद्मश्री पुरस्कार, अपने क्षेत्र में किया है ये बड़ा काम

इंदौर
 शहर के लिए यह गौरवपूर्ण खबर है कि देश विदेश में ख्याति अर्जित करने वाले प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएस हार्डिया को साल 2019 के पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया था। सोमवार सुबह 11.30 बजे नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में अलंकरण समारोह में उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। समारोह में देश की अन्य कई जानी-मानी हस्तियों को अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पदम पुरस्कार दिए गए है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएस हार्डिया का नाम नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में दुनियाभर में मशहूर हैं। उनसे नई तकनीक सीखने विदेशों से भी डॉक्टर यहां आ चुके हैं। वर्ष 2002 में रेटिनिटिस पिग्मेन्टोसा नामक बीमारी के सफल ऑपरेशन की तकनीक (टेक्निक ऑफ ओमेंटोपैक्सी) की खोज डॉ. हार्डिया ने की थी। डॉ. हार्डिया ने वर्ष 1958 की बैच में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी। वर्ष 1968 में एमजे के बाद पिता के साथ गीता भवन अस्पताल में सेवाएं देना शुरू की।

पत्नी को दिया सफलता का श्रेय 
अब तक 10 लाख से भी ज्यादा आंखों के ऑपरेशन कर चुके डॉ. पीएस हार्डिया के बेटे डॉ. राजीव हार्डिया, दो बेटी और दो पोते भी चिकित्सक हैं। डॉ. हार्डिया ने अपनी और परिवार की सफलता का श्रेय गृहिणी के रूप में जिम्मेदारी संभालने वाली पत्नी लता हार्डिया को दिया।

मां का ही एक रूप है डॉक्टर 
डॉ. हार्डिया ने कहा, यह सम्मान शहर के लोगों और मरीजों की सेवा की वजह से मिला है। मैं बस यही संदेश देना चाहता हूं कि डॉक्टर धरती के भगवान नहीं, बल्कि दूसरी मां के रूप में होते हैं। युवा डॉक्टरों को भी इसी भाव से मरीजों की देखरेख करना चाहिए।