इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के लिए कमिटी पर सरकार और RBI में होगी रस्साकशी!

इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के लिए कमिटी पर सरकार और RBI में होगी रस्साकशी!

 कोलकाता 
आरबीआई के कैपिटल रिजर्व की समीक्षा के लिए बनाई जाने वाली समिति के सदस्यों और इसके अध्यक्ष को लेकर केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच रस्साकशी हो सकती है। आरबीआई के इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क पर बनाई जाने वाली इस समिति में पहली बार सरकार अपने नॉमिनी रखेगी। इस विषय पर इससे पहले की तीन समितियों की अध्यक्षता वाई एच मालेगाम, उषा थोराट और वी सुब्रमण्यम ने की थी। ये सभी आरबीआई से जुड़े हुए विशेषज्ञ थे। इनमें से एक कमिटी के सदस्य रहे आरबीआई के एक फॉर्मर एग्जिक्युटिव ने कहा कि इस बार समिति की कमान किसी 'स्वतंत्र' उम्मीदवार को देने की संभावना ज्यादा है। 
 
एक सूत्र ने बताया कि सरकार बिमल जालान सरीखे किसी शख्स को वरीयता दे सकती है, जिन्हें फिस्कल और मॉनेटरी, दोनों अथॉरिटीज के साथ काम करने का सीधा अनुभव हो। आरबीआई के फॉर्मर गवर्नर जालान फाइनैंस सेक्रटरी और सांसद भी रहे हैं। 

RBI विवाद सुलझाने को पर्दे के पीछे इनकी भूमिका 

आरबीआई ने 19 नवंबर की बोर्ड मीटिंग के बाद कहा था कि इस समिति के सदस्यों और इसके काम करने की शर्तों पर वह और सरकार मिलकर निर्णय करेंगे। यह कमिटी एक सप्ताह में बनाई जा सकती है। आरबीआई की बैलेंस शीट तैयार करने से जुड़ी छह सदस्यों वाली मालेगाम समिति 2013 में बनाई गई थी और उसमें दो बाहरी सदस्य थे। 2004 की थोराट और 1997 की सुब्रमण्यम समितियों में कोई बाहरी सदस्य नहीं था। 

सरकार और आरबीआई के बीच इस बात पर गहरा मतभेद है कि केंद्रीय बैंक के पास कितना रिजर्व रहना चाहिए। आरबीआई का कहना है कि उसे पर्याप्त पूंजी और रिजर्व की जरूरत होती है ताकि किसी भी संकट की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। वहीं, सरकार का मानना है कि आरबीआई जरूरत से ज्यादा रिजर्व बनाए रखता है और इसका उपयोग देश के दूसरे कार्यों में किया जा सकता है। 19 नवंबर वाली आरबीआई बोर्ड मीटिंग में इसी मसले की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया गया था। 

जून के अंत मे आरबीआई के पास 9.59 लाख करोड़ रुपये का रिजर्व था। यह रकम इसकी 36.18 लाख करोड़ रुपये की इसकी बैलेंस शीट की लगभग एक चौथाई है। इसमें से करेंसी और गोल्ड रीवैल्यूएशन रिजर्व 6.19 लाख करोड़ रुपये, कंटिंजेंसी फंड 2.32 लाख करोड़ रुपये, ऐसेट डिवेलपमेंट फंड 22,811 करोड़ रुपये और इन्वेस्टमेंट रीवैल्यूएशन अकाउंट 13,285 करोड़ रुपये का था। मालेगाम समिति ने कंटिंजेंसी रिजर्व ज्यादा रखने का सुझाव दिया था।