इस दिन पीपल की पूजा करने लाभ नहीं, होता है नुकसान
पीपल को हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है और इसकी पूजा करने से कई प्रकार के लाभ बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार शनिवार के दिन पीपल में कई देवी-देवताओं का वास होता है। शनि महाराज भी इस दिन पीपल में निवास करते हैं इसलिए शनिवार को पीपल को जल देना और दीप दिखाने शनि दोष को दूर करने वाला माना गया है। लेकिन पीपल की पूजा के भी कुछ नियम हैं। सप्ताह का एक दिन ऐसा है जिस दिन पीपल की पूजा करने से लाभ की बजाय नुकसान होता है। इस दिन पीपल का स्पर्श करने से भी दुर्भाग्य बढ़ता है।
तो इसलिए वर्जित है रविवार की पूजा
शास्त्रों के मुताबिक पीपल के वृक्ष में दिन के समय लक्ष्मी का वास होता है। जबकि पीपल में रात के समय लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी का वास होता है। रविवार के दिन पीपल में किसी देवी-देवता का वास नहीं होता है इसलिए देवी लक्ष्मी की बहन ही दिन रात पीपल में वास करती हैं। इस दिन पीपल की पूजा से सुख समृद्धि की हानि होती है। ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो पीपल का संबंध शनि के माना जाता है। रविवार के दिन के स्वामी सूर्य हैं। सूर्य और शनि के बीच तालमेल अच्छा नहीं होने कारण रविवार को पीपल की पूजा शुभ नहीं है।
सूर्यास्त के बाद पीपल की पूजा शुभ नहीं
कहा जाता है कि अगर पीपल की पूजा करनी हो तो शाम ढलने तक ही कर लेनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद पीपल की पूजा और पीपल के नीचे जाना भी शुभ नहीं माना जाता है। इसके पीछे धार्मिक तर्क यह है कि इससे व्यक्ति के ऊपर अलक्ष्मी का प्रभाव पड़ जाता है। लेकिन यह तर्क वैज्ञानिक दृष्टि से साबित नहीं होता है।
पूजा करते समय पीपल के पत्तो को सिर उठाकर ना देखें
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जब भी पीपल की पूजा करें या पीपल के समाने दीप जलाएं तो कभी भी ऊपर की ओर न देखें। इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि पीपल के तना जड़ों में दैवीय शक्ति का वास होता है जबकि ऊपरी हिस्से में आसुरी शक्तियां वास करती हैं।
रविवार को न काटें पीपल का पेड़
मान्यता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। यही वजह है कि इस पेड़ को काटना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन कभी पेड़ काटना ही पड़े तो रविवार के दिन ही काटना चाहिए। लेकिन जब भी पेड़ काटें तो पीपल देवता से माफी जरूर मांग लें। ताकि वह आपसे रुष्ट न हों।