ऊर्जा मंत्री ने खारिज किए बिजली कटौती के आरोप, अफसरों की लगाई क्लास
जबलपुर
मध्यप्रदेश में बिजली कटौती पर मचे बवाल के बीच प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने जबलपुर में बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्तिभवन में विभागीय समीक्षा बैठक की। करीब 6 घण्टे चली इस मैराथन बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में बिजली संकट और अघोषित बिजली कटौती के हालात नहीं हैं। जबकि विपक्ष द्वारा ऐसा होने की अफवाह फैलाई जा रही है। समीक्षा बैठक के बाद प्रियव्रत सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रैंस को संबोधित करते हुए दावा किया कि मध्यप्रदेश में बीते साल के मुकाबले इस साल, दस फीसदी से ज्यादा बिजली सप्लाई की गई है और बीती सरकारों के मुकाबले मेंटनेंस के लिए शटडाऊन भी कम हुए हैं।
प्रियव्रत सिंह ने कहा कि उऩ्होने बिजली कंपनियों के अधिकारियों को मॉनसून से पहले मेंटनेंस कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को बेवजह बिजली कटौती ना होने देने के लिए भी आदेश दिए गए हैं। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि अब पूरे प्रदेश में हर मंगलवार को कंपनियों के संभागीय दफ्तरों में विभागीय समीक्षा की जाएगी। प्रियव्रत सिंह ने बिजली कंपनियों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वो ज्यादा से ज्यादा वॉट्सएप ग्रुप बनाएं और सोशल मीडिया के जरिए विभागीय जानकारियां जनप्रतिनिधियों और जनता तक पहुंचाएं।
इधर, दमोह में पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया और भाजपा के दो विधायकों पर दर्ज की गई एफआईआर पर भी ऊर्जामंत्री ने रिएक्शन दिया। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि दमोह में जयंत मलैया के धरने से ठीक पहले बिजली कटना एक साजिश ही नज़र आ रही थी और अब पुलिस ने कुछ वीडियोज़ के आधार पर पूर्व मंत्री सहित भाजपा विधायकों पर मामला दर्ज किया है। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि मामले की जांच करवाई जा रही है। जिसके बाद घटना की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर प्रदेश की जनता को बिजली के मुद्दे पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बयान पर तंज कसते हुए प्रियव्रत सिंह ने कहा कि अगर वो बिजली विभाग के उपकरणों की जांच करवाएंगे तो भाजपा राज में हुए कई घोटाले सामने आ जाएंगे। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बिजली विभाग में कोई भी घोटाला नहीं होने देगी। वहीं, जबलपुर में आयोजित इस समीक्षा बैठक के बाद ऊर्जामंत्री ने बिजली कंपनियों में स्टाफ और मैनपावर की कमी को भी गंभीर माना।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 साल पुरानी अव्यवस्थाओं को सुधारना जरुरी है। लिहाजा वो स्टाफ की कमी से निपटने की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि उनका विभाग नए स्टाफ की भर्ती से कंपनियों पर पड़ने वाले वित्तीय भार का भी आंकलन कर रहा है। वहीं, मध्यप्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने के लिए बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ही कंपनियों की मांग पर कोई फैसला लेगा और इसमें राज्य सरकार का कोई दखल नहीं है।