कमलनाथ सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे मीसाबंदी, फैसले को बताया तुगलकी
भोपाल
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के मीसाबंदी पेंशन पर रोक के बाद विवाद और बढ़ गया है. मीसाबंदियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले में अपना पक्ष रखा. उन्होंने ऐलान किया कि पेंशन बंद करने के खिलाफ शासन को नोटिस जारी करेंगे. इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
दरअसल, उन्होंने बताया कि वे दो दिन बाद हाईकोर्ट जाएंगे और याचिका दायर करेंगे. उसके बाद सात जनवरी को जिला स्तर पर धरना होगा और 10 जनवरी को हर संभाग में धरना होगा. मीसाबंदी पूरे परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि वे पेंशन छोड़ने को तैयार हैं लेकिन सरकार का तुगलकी फरमान पसंद नहीं है.
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को लोकतंत्र सेनानी संघ के अध्यक्ष और बीजेपी नेता तपन भौमिक ने गुरुवार को ऐसे मीसाबंदियों के घर जाकर मुलाकात की जो दयनीय हालत में हैं और पूरी तरीके से इसी पेंशन पर निर्भर हैं. इससे पहले तपन भौमिक ने कहा था कि जांच की कोई बात है ही नहीं. बदले की भावना से फैसला लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पेंशन रोकने के विरोध में कोर्ट का सहारा लेंगे. हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं.
तपन भौमिक ने कहा कि मीसाबंदियों के साथ यह फैसला पूरी तरह से अन्याय है. सही व्यक्तियों को ही पेंशन मिल रही है. जो हकदार है उन्हें ही पेंशन दी जा रही है, एक भी व्यक्ति फर्जी नहीं है. मुख्यमंत्री कमलनाथ का ये फरमान तुगलकी है. अब तक जांच की तारीख निश्चित नहीं है. लेकिन मामले की जांच कब होगी. जांच कौन करेगा. ये सब बातें अब तक तय नहीं है. जांच होने तक पेंशन मिलती रहनी चाहिए.