कश्मीर घाटी में बंद का 22वां दिन: पाबंदी में कहीं ढील तो कहीं सख्ती

श्रीनगर
कश्मीर घाटी में सोमवार को लगातार 22वें दिन आम जीवन प्रभावित रहा। यहां के बाजार और स्कूल बंद रहे, लेकिन शहर में निजी वाहनों की आवाजाही में सुधार हुआ है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घाटी के ज्यादातर हिस्सों में पाबंदियां हटाई जा चुकी हैं लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में ज्यादातर स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बहाल की जा चुकी हैं लेकिन कारोबार का केंद्र मानेजाने वाले लाल चौक और प्रेस एन्क्लेव क्षेत्र में यह सेवा अब भी बंद है। मोबाइल सेवाएं और बीएसएनएल ब्रॉडबैंड तथा अन्य इंटरनेट निजी सेवाएं पांच अगस्त से लेकर अभी तक बंद है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पांच अगस्त को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।
अधिकारियों का कहना है कि रविवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही और घाटी में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि घाटी में 22वें दिन भी दुकानें और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। वहीं सार्वजनिक परिवहन भी नजर नहीं आया।अधिकारियों ने बताया कि शहर और घाटी के अन्य हिस्सों में निजी वाहनों के आवागमन में बढ़ोतरी हुई है। निजी शैक्षणिक संस्थान अब भी बंद हैं और सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम रही।
जम्मू-कश्मीर में चिकित्सा या किसी अन्य आपातकालीन सहायता की आवश्यकता पड़ने पर लोगों के लिए श्रीनगर में सीआरपीएफ की हेल्पलाइन ने सोमवार को तीन नए मोबाइल नंबरों को जारी किया। 'मददगार' हेल्पलाइन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से तीन नंबर- 9469793260, 9469793430, 9469793401 को जारी किया और कहा कि यह नागरिकों को 24X7 को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध प्रयास है।
ट्विटर पर कहा गया, ''किसी भी आपातकालीन, चिकित्सा सहायता या किसी भी अन्य आवश्यक मदद के लिए कृपया इन नंबरों को डायल करें।" अधिकारियों ने कहा कि हेल्पलाइन की नियमित लैंडलाइन नंबर- 14411 भी कार्यरत है, लेकिन इसमें किसी प्रकार की समस्या या तकनीकी समस्या आ सकती है और इसलिए नए नंबर को जारी किया जा रहा है। मददगार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने जून 2017 में देश में कहीं भी रहने वाले कश्मीर घाटी के निवासियों की मदद के लिए लॉन्च किया था। यह श्रीनगर में एक सीआरपीएफ शिविर से संचालित होता है।