कैंची घोटाला : जांच और कार्रवाई पर पूर्व मंत्री व राज्यसभा सासंद राजमणि पटेल ने सवाल उठाया
जबलपुर
आयुष विभाग के एक आला अफसर के खिलाफ चल रही 13 से अधिक विभागीय जांच और उसकी कार्रवाई पर पूर्व मंत्री व राज्यसभा सासंद राजमणि पटेल ने सवाल उठाया है। चुनाव के दौरान जिन अधिकारियों की भूमिका पर संदेह जताया गया था उनमें आयुष विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ पीसी शर्मा का नाम भी रहा। कांग्रेस नेताओं ने 13 विभागीय जांच के बावजूद 15 साल से जमे अधिकारी के खिलाफ मुख्यमंत्री कमलनाथ को शिकायत भेजी है।
शिकायत में कहा गया कि डॉ शर्मा 2013-14 में हुए कैंची घोटाले में आरोपों से घिरे हैं। जानकारों का कहना है कि नियमों के मुताबिक परचेस और ड्रग लायसेंस का प्रभार एक साथ नहीं दिया जा सकता है। ड्रग एक्ट 1945 के मुताबिक अलग-अलग अधिकारी को ही प्रभार दिया जा सकता है। वहीं नेशनल आयुष मिशन का बजट रिनोवेशन के नाम पर आई राशि की जांच चल रही है।
बताया जाता है कि पूर्व विधायक व कांग्रेस कमेटी की महासचिव सविता दीवान शर्मा, कांग्रेस पिछडा वर्ग विभाग के उपाध्यक्ष मोहन झालिया का कहना है कि निर्वाचन आयोग से इस अधिकारी की शिकायत की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कांग्रेस नेताओं ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि विभाग के उच्च अधिकारियों ने विभागीय जांच को किसी नतीजे पर क्यों नहीं पहुंची। कार्रवाई न होने से तिलमिलाए कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कार्रवाई तो दूर ,उक्त अफसर की फाइल ही नहीं देखी गई।