गरियाबंद की दोनों सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही BJP में बढ़ी अंतर्कलह

गरियाबंद की दोनों सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही BJP में बढ़ी अंतर्कलह

गरियाबंद
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए भले ही दूसरी पार्टियों से मुकाबला करना पड़ेगा, लेकिन हालात ऐसे हैं कि पार्टी के प्रत्याशियों को अपनी ही पार्टी के बागियों से मुकाबला करना पड़ रहा है. जिले की दोनों विधानसभाओं (राजिम और बिंद्रानवागढ़) से अंतर्कलह खत्म करना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.

बता दें कि बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की जैसे ही दूसरी सूची जारी की गरियाबंद की दोनों सीटों में टिकट के दावेदार बागी हो गए. राजिम हो या बिंद्रानवागढ़ दोनों ही विधानसभा के नाराज दावेदार खुलकर मैदान में उतर आए हैं. इतना ही नहीं नाराज दावेदार विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ रायपुर तक पहुंच गए. एक तरफ जहां राजिम के नाराज दावेदार जहां नए प्रत्याशी की मांग पर अड़े हैं, वहीं बिंद्रानवागढ़ में पुरानी प्रत्याशी को ही टिकट देने की मांग नाराज कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है.

मालूम हो कि पार्टी ने राजिम से पुराने चेहरे संतोष उपाध्याय को ही मैदान में उतारा है. वहीं बिंद्रानवागढ़ से पार्टी ने गोवर्धन मांझी का टिकट काटकर डमरुधर पुजारी पर भरोसा जताया है. दोनों ही प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल करने के पहले ही दिन जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर नामांकन फॉर्म लिया और विरोधियों से निपटाकर जीत का दावा किया है.

दोनो ही विधानसभा के नाराज दावेदार और उनके समर्थक अपनी आवाज पार्टी के आलाकमान तक पहुंचा चुके हैं. हालात को देखते हुए पार्टी ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है. जिले में इसकी कमान फिलहाल सांसद चंदूलाल साहू संभाल रहे हैं. चंदूलाल की मानें तो सभी बागियों को मना लिया गया है.

बहरहाल, बीजेपी सब कुछ ठीक होने के लाख दावे करे, लेकिन बागियों की बैठकों का दौर जिस तरह चल रहा है उसे देखकर नहीं लगता कि पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा हो. हालांकि बागियों को मनाने के लिए पार्टी ने कसरत शुरू कर दी है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि डैमेज कंट्रोल करने में पार्टी कितनी कामयाब होती है.