चर्चा का केन्द्र क्यों बनी हुई हैं अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु

चर्चा का केन्द्र क्यों बनी हुई हैं अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु

रायपुर 
छत्तीसगढ़ की राजनीति में तीसरा मोर्चा खड़ा कर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने चौथे विधानसभा चुनाव को पहले ही रोचक बना दिया है. अब उनकी पत्नी डॉ. रेणु जोगी की वजह से भी राजनीतिक गलिया​रों में चर्चाओं का दौर है. कांग्रेस से टिकट की आस लगाए रेणु जोगी को निराशा हाथ लगी. कांग्रेस ने उनकी जगह कोटा विधानसभा चुनाव में विभोर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. रेणु जोगी के कारण ही कोटा विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट बन गई है. कांग्रेस ने आखिरी समय में इस सीट पर अपने पत्ते खोले हैं.

छत्तीसगढ़ में साल 2018 के चुनावी आगाज से ही डॉ. रेणु जोगी चर्चा का केन्द्र रही हैं. उनके पति अजीत जोगी द्वारा कांग्रेस से बागी होकर अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की स्थापना के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि रेणु जोगी भी कांग्रेस का हाथ छोड़ अपने पति की पार्टी ज्वाइन कर लेंगी, लेकिन पार्टी स्थापना के दो साल तक उन्होंने ऐसा नहीं किया.

अजीत जोगी की पार्टी को कुछ महीने पहले चुनाव चिह्न मिलने के बाद जब अटकलें तेज थीं कि डॉ. रेणु जोगी पति की पार्टी ज्वाइन करेंगी, तभी उन्होंने इस चुनाव में टिकट के लिए कोटा विधानसभा सीट से कांग्रेस पर्यवेक्षकों को आवेदन देकर सबको चौंका दिया. अजीत जोगी की पार्टी ने भी इस सीट से कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी घोषित करने तक अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान रोके रखा. चर्चा थी कि यदि कांग्रेस रेणु को टिकट नहीं देगी तो उन्हें जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की टिकट पर चुनाव लड़ाया जाएगा.

पेशे से आई स्पेशलिस्ट डॉ. रेणु जोगी ने साल 2006 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा. कोटा विधानसभा सीट से विधायक राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के निधान के बाद यहां उपचुनाव हुआ. कांग्रेस ने रेणु जोगी को अपना प्रत्याशी बनाया. कोटा विधानसभा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा आदिवासी बहुल है, रेणु जोगी से पहले वहां ब्राह्मण उम्मीदवार ही जीता था, ऐसा पहली बार है जब यहां गैरब्राह्मण रेणु (आई स्पेशलिस्ट) जीतीं. इसके बाद साल 2008 व 2013 के विधानसभा चुनावों में रेणु जोगी को कोटा सीट से जीत मिली.