चुनाव नतीजों से पहले शेयर बाजार में हाहाकार

चुनाव नतीजों से पहले शेयर बाजार में हाहाकार

मुंबई 
वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के साथ ही पांच राज्यों में चुनाव के नतीजों के लेकर आशंकाओं और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि की वजह से सोमवार को देश के शेयर बाजार में हाहाकार मच गया। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 713.53 अंक यानी 2% और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 205.25 अंक यानी 1.92% टूटकर क्रमशः 34,959.72 और 10,488.45 पर बंद हुआ। 


कारोबार में सुबह से ही भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स में सुबह 600 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई जबकि एनएसई के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी में 190 अंकों की गिरावट आई। 

एग्जिट पोल में बीजेपी को झटका 
शुक्रवार को आए एग्जिट पोल में कहा गया है कि राजस्थान में बीजेपी के हाथ से सत्ता छिन सकती है और मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में उसका कांग्रेस के साथ करीबी मुकाबला है। इन तीनों के साथ तेलंगाना और मिजोरम में हुए चुनाव के वोटों की गिनती मंगलवार को होगी। पांच राज्यों के चुनाव के नतीजे शुक्रवार को आएंगे। इन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है। 

तेल उत्पादन में कटौती का ऐलान 
कच्चा तेल निर्यात करने वाले 14 बड़े देशों के समूह ओपेक और 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल की गिरती कीमतों को थामने के मकसद से तेल उत्पादन में 1.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की कटौती का फैसला लिया है। 6 दिसंबर की महाबैठक में आए इस फैसले को मोदी सरकार को 2019 के लोकसभा चुनाव में झटके के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में सरकार के सामने इस संकट से उबरने की चुनौती होगी। दरअसल, भारत दुनिया का तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है, जो कि अपनी जरूरत का 80% तेल आयात करता है। 

हुवावे सीएफओ की गिरफ्तारी 
चीनी स्मार्ट फोन कंपनी हुवावे के संस्थापक की बेटी और कंपीन की सीएफओ मेन वांगझू की कनाडा में गिरफ्तारी और अमेरिका के उसके प्रत्यर्पण के प्रयासों से चीन के साथ उसका जारी ट्रेड वॉर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। चीन लगातार वांगझू को निर्दोष बताकर उसकी रिहाई की मांग कर रहा है। उसने रविवार को अमेरिका के राजदूत को तलब किया और मांग की कि अमेरिका अपने प्रत्यर्पण अनुरोध को वापस ले। गौरतलब है कि अमेरिका अपने निर्यात नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए उसके प्रत्यर्पण की कोशिशों में जुटा है। 

अमेरिका का कमजोर जॉब डेटा 
चीन के साथ ट्रेड टेंशन बढ़ने और शुक्रवार को कमजोर जॉब रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आई थी। शुक्रवार को अमेरिका में नवंबर महीने का जॉब डेटा जारी हुआ जो अनुमानों से कमजोर रहा है। वहां पिछले महीने में खेती से इतर पेरोल पर 1 लाख 55 हजार नई नौकरियां पैदा हुईं जो 2 लाख के अनुमानित आंकड़े से कम है। इसके अलावा, इस दौरान मजदूरी की वृद्धि भी अुनमान से कम रही। हालांकि, सालाना आधार पर मजदूरी में वृद्धि करीब एक दशक के सर्वोच्च स्तर पर रहा है। बहरहाल, कमजोर जॉब डेटा के कारण अमेरिकी शेयर मार्केट में गिरावट देखी गई जिसका असर अन्य बाजारों पर भी पड़ा। सोमवार को यूरो और येन के मुकाबले डॉलर आधा प्रतिशत टूट गया। 

कृषि क्षेत्र का संकट 
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी नोमुरा का कहना है कि अगर मंगलवार को आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के परिणामों में बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहता है तो इसका मतलब यह होगा कि कृषि क्षेत्र गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। उसने कहा कि इन तीन राज्यों में ज्यादातर आबादी कृषि क्षेत्र पर ही आश्रित है। नोमुरा ने यह भी कहा कि बीजेपी की हार से विपक्षी दलों के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की कोशिशें तेज हो सकती हैं। वहीं, फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने दिसंबर महीने के पांच सेशन में अब तक 1,000 करोड़ रुपये बाजार से निकाले हैं।