'चुप्पीवाला शीत युद्ध' छेड़ रहा है चीन?, US के खिलाफ
अमेरिका
चीन अमेरिका के खिलाफ 'चुप्पीवाला शीत युद्ध' छेड़ रहा है। अमेरिका को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में चीन नहीं देखना चाहता है। एशिया में सीआईए के एक्सपर्ट ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि चीन युद्ध की तरफ नहीं जाना चाहता है, लेकिन राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में वर्तमान कम्युनिस्ट सरकार कई मोर्चों पर अलग ढंग से अमेरिका को पछाड़ने की कोशिश कर रहा है।
सीआईए के ईस्ट एशिया मिशन सेंटर के डेप्युटी असिस्टेंट डायरेक्टर मिखाइल कॉलिन्स ने कोलोराडो के आसपेन सिक्यॉरिटी फोरम में अपने भाषण के दौरान कहा, 'मेरा तर्क है कि जिस तरह वे (चीन) हमारे खिलाफ काम कर रहे हैं, उसे मूलभूत रूप से शीत युद्ध कहेंगे। यह ऐसा शीत युद्ध नहीं है, जैसे शीत युद्ध (अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच) हमने देखे हैं, लेकिन इसे भी शीत युद्ध के तौर पर ही परिभाषित किया जाएगा।'
चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर शुरू हुई ट्रेड वॉर अब इससे कहीं आगे बढ़ चुकी है। बीते बुधवार को एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने कहा कि काउंटर इंटेलिजेंस प्रस्पेक्टिव के जरिए चीन अमेरिका के सामने सबसे व्यापक और महत्वपूर्ण चुनौती पेश कर रहा है। उन्होंने कहा, 'इसकी मात्रा, प्रसरणशीलता और महत्व कुछ ऐसा है कि जिसे कम नहीं आंका जा सकता है।'
नैशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर डैन कोट्स ने भी चीन के बढ़ते तेवरों को लेकर चेताया है। उन्होंने कहा, बिजनस सीक्रेट और अकैडमिक रिसर्च के मामले में अमेरिका को चीन के सामने मजबूती से खड़े होने की जरूरत है। ईस्ट ऐशिया और पसिफिक मामलों के असिस्टेंट सेक्रेटरी सुसान थॉर्नटन ने कहा, 'चीन साइबर, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, इंजीनियरिंग-टेक्नॉलजी, काउंटर स्पेस, ऐंटी-सैटलाइट और हाइपरसोनिक ग्लाइड हथियारों के मामले में अमेरिका से आगे बढ़ने की कगार पर है।'
अमेरिकन आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल रॉबर्ट आश्ले ने कहा, 'चीन लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल डिवेलप कर रहा है। इनमें कई सुपरसोनिक स्पीड से आगे बढ़ सकती है।'