जबलपुर में क्या है यूरिया संकट की स्थिति, आंकड़े हैं गवाह!

जबलपुर में क्या है यूरिया संकट की स्थिति, आंकड़े हैं गवाह!

जबलपुर 
मध्य प्रदेश में छाया यूरिया संकट विवादों में घिरता हुआ दिख रहा है. बात जबलपुर की करें तो यहां सरकारी आंकड़ो में हजारों टन यूरिया मौजूद है लेकिन दूसरी तस्वीर में किसान बेहद परेशान नज़र आ रहा है. मामले की हकीकत जानने जब ज़मीनी तैयारियां में सरकारी दावों की पोल खुल गई.

प्रदेश में नई सत्ता आने के साथ ही अन्नदाता के नाम पर राजनीति का दौर शुरू हो गया है. फसल की उपज के लिए बेहद ज़रूरी यूरिया का संकट प्रदेश भर में छाया हुआ है या फिर कह लें कि जानबूझकर दिक्कत या फिर किल्लत पैदा की जा रही है है. जबलपुर में उर्वरक उपलब्धता काफी अच्छी है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कुल निजी एवं विपणन संघ में 3 हज़ार मिट्रिक टन का यूरिया उपलब्ध है, जबकि 8 हज़ार मिट्रिक टन की मांग और कर ली गई है.

जबलपुर की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में जबलपुर समेत आसपास के क्षेत्रों से किसान अपनी उपज लेकर आते हैं वहीं मंडी में मौजूद सहकारी विपणन संघ से यूरिया भी लेते हैं. हजारों मिट्रिक टन यूरिया उपलब्ध होने के बाद भी यहां हाहाकार मचा हुआ है.

सरकारी तंत्र तीन हज़ार मिट्रिक टन यूरिया होने का दावा कर रहा है जबकि किसान परेशान है. अब ज़रा इस सहकारी विपणन संघ के केन्द्र को ही देख लीजिए. प्रदेश में यूरिया का संकट है. ऐसे में जहां से यूरिया मिलना है वहां ताला लटका हुआ है. सुबह से ही किसान यहां दूर दराज़ अंचलों से आते है लेकिन ताला लटका देख सभी को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.