जांघों के भीतर कैसे आ जाती है रगड़ और बन जाते है चकते, जाने वजह और इलाज

जांघों के भीतर कैसे आ जाती है रगड़ और बन जाते है चकते, जाने वजह और इलाज


कई अलग-अलग कारणों के वजह से जांघों में रगड़ होने के वजह से चलने फिरने में परेशानी, खुजली व जलन जैसी समस्‍याएं होने लगती है। इन्हे जांघों में रैशेस की समस्या भी कहा जाता है, यह समस्‍या अक्‍सर स्किन में होने वाली अलग-अलग परेशान‍ियों के कारण होती है। रैशेज की वजह से शरीर को कई साइड इफेक्‍ट्स से गुजरना पड़ता है। इनमें से सबसे बड़ी एक समस्‍या है स्किन में घर्षण की। जांघों में ज्‍यादात्तर रगड़ की समस्‍या गर्मियों व बरसात के मौसम में ज्यादा होती है। साथ ही इसका एक कारण अधिक पसीना आना भी हो सकता है। और अगर इस समस्‍या की वजह से स्किन में संक्रमण हो जाए तो स्थिति आपके ल‍िए बदत्तर हो सकती है। आइए जानते है जांघों में होने वाले रैशेज के कारण और कैसे इनसे छुटकारा पाया जा सकता है?

अधिक वजन के वजह से
जिन लोगो का वजन अधिक होता है, जो लोग पैरों को सटाकर चलते है, साइकिलिंग करते है, जॉगिंग अधिक करते है, उन्हें इस परेशानी का सामना अधिक करना पड़ता है। क्योंकि इससे आपकी जांघो के बीच अधिक घर्षण उत्त्पन्न होता है जिसके कारण आपको यह परेशानी हो सकती है। और यह समस्या केवल बड़ो को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी हो सकती है। तो आइये आज हम आपको जांघो पर रगड़ लगने के कारण होने वाली परेशानी से बचने के कुछ आसान उपाय बताते है।

नमी के कारण
अक्‍सर लोग नहानें के बाद अपने जांघों को तौल‍िए से अच्‍छे से नहीं सुखाते है। जिससे वहां नमी के कारण रगड़ और रैशेज हो जाते है। इसल‍िए नहाने के बाद जांघों को अच्‍छी तरह से सुखाने के बाद ही कपड़े पहनें। और हिस्‍सा पर कभी भी पसीने और नमी को पनपने न दें। जांघों पर भी हवा लगनी चाह‍िए।

पीएच संतुलन
जांघों में खुजली को दूर करने ल‍िए पाउडर या तेलों का प्रयोग नहीं करना चाह‍िए क्‍योंकि इससे जांघों में खुजली कम होने की बजाय बढ़ जाती है। काफी लंबे समय तक स्‍नान करें और त्‍वचा भागों को अच्‍छे से धोएं, ज्‍यादा कसे हुए इनरवियर पहनने से भी रैशेज होते है और किसी दूसरे का इस्‍तेमाल किए हुए इनरवियर या तौल‍िए का इस्‍तेमाल करने से भी पीएच लेवल बिगड़ता जिसके परिणामस्‍वरुप वहां रैशेज हो जाते हैं।

स्किन इंफेक्‍शन
सोरायसिस और एक्जिमा जैसी त्‍वचा संबंधी बीमारियों के कारण शरीर के कई हिस्‍सों में रेशेज हो जाते हैं। इस बीमारियों के मरीजों को जांघों के अंदरूनी हिस्‍सों पर भी रेशेज हो सकते हैं। यहां रेशेज होना शरीर के अन्‍य भागों में रेशेज होने के समान ही होता है।

प्राइवेट एरिया की रखे सफाई
जांघों के रैशेज से बचने के ल‍िए सबसे पहले जरुरी है कि आपको प्राइवेट पार्ट के आसपास की सफाई का पूरा ध्‍यान देना चाह‍िए। इसके अलावा विटामिन ई का ऑइंटमेंट, ऑलिव ऑयल और नीम जैसे तत्‍वों से सफाई पर ध्‍यान देना चाह‍िए।

रैशेज से बचने के घरेलू उपाय
नीम, मुलैठी और तुलसी के मिश्रण को प्रभावित ह‍िस्‍से पर लगाने से भी जांघों के रैशेज ठीक होते हैं। इससे जाँघों के अंदरूनी भागों के रैशेस काफी कम हो जाते हैं।

बेकिंग सोडा
जांघों में हुए रैशेज को दूर करने के ल‍िए बेकिंग सोडा में पानी मिश्रित करके जांघों के आंतरिक भागों को धोएं। इससे त्‍वचा का पीएच संतुलन बरकरार रहता है। इसके अलावा बर्फ की सिंकाई से भी आप यहां के रैशेज से न‍िजात पा सकते हैं।

डॉक्‍टरी सलाह जरुर लें
जांघों पर हुए रैशेज को हल्‍के में न लें। जांघों में होने वाले रैशेज का कारण जानकर ही इलाज किया जाता है। डॉक्‍टर तय करता है कि आपको एंटी-फंगल, स्‍टेरायड, एंटी-एलर्जी अथवा अन्‍य किस प्रकार के इलाज की जरूरत है।