जिले में गठित महिला स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों में से 8 महिलायें कृषि सी.आर.पी. के रूप में चयनित

छिन्दवाड़ा
म.प्र.दीनदयाल अंत्योदय योजना- राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा जिले में गठित महिला स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों में से कृषि कार्य में रूचि रखने वाली महिलाओं को प्रशिक्षण देकर कृषि समुदाय स्रोत व्यक्ति (सी.आर.पी.) के रूप में चयन किया गया है जो समूह की अन्य महिला सदस्यों को जैविक पध्दति से कृषि की विभिन्न तकनीकी का प्रशिक्षण दे रही है। इन्ही चयनित 8 कृषि सी.आर.पी. महिला सदस्यों को उत्तर प्रदेश राज्य में कृषि कार्य का प्रशिक्षण लेने के लिये मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक श्री हेमेन्द्र भकने, प्रभारी जिला प्रबंधक कृषि श्री एम.के.बारस्कर और जिला प्रबंधक कौशल श्री सुनील मिश्रा द्वारा आज भोपाल रवाना किया गया है। ये महिला सदस्य भोपाल में दो दिन का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद राज्य स्तर पर गठित टीम के साथ उत्तर प्रदेश के लिये रवाना होंगी और 15 दिनों तक उत्तर प्रदेश के ग्रामों में जाकर महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों और किसानों को जैविक पध्दति से कृषि तकनीकी सिखायेगी जिससे भूमि की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही रसायनिक खाद, कीटनाशक और रोगनाशक दवाईयों पर होने वाले व्यय को कम करके किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके।

म.प्र.दीनदयाल अंत्योदय योजना- राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक श्री भकने ने बताया कि जिले के सौंसर विकासखंड के ग्राम घोटी की श्रीमती चित्रकला बल्की, मोहखेड विकासखंड के ग्राम पालामउ की श्रीमती सरवंती कवरेती, ग्राम तिवड़ाकामथ की श्रीमती ममता मर्सकोले, ग्राम हथलेवा की श्रीमती सरोज पवार और ग्राम पालाखेड की श्रीमती अनुराधा गाढरे, पांढुर्णा विकासखंड के ग्राम घोघरी साहनी की श्रीमती लंका शेण्डे और ग्राम कामठी कला की श्रीमती सुधा बिरखरे तथा बिछुआ विकासखंड के ग्राम जामुनटोला की श्रीमती सरस्वती परतेती का चयन कृषि सी.आर.पी.के रूप में किया गया है। उन्होंने बताया कि चयनित कृषि सी.आर.पी. महिलायें जैविक पध्दति से कृषि तकनीकी जैसे वर्मी कम्पोस्ट, भू-नाडेफ, टटिया नाडेफ, पोषण वाटिका, जैविक कीटनाशक और जैविक रोगनाशक दवाईया बनाकर और अपने खेत में डालकर कृषि कार्य कर रही है और अन्य महिलाओं को भी यह तकनीकी सिखा रही है।