ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा मेरे ऊपर छोड़ो, मैं बात करूंगा 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा मेरे ऊपर छोड़ो, मैं बात करूंगा 

ग्वालियर
चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीसीसी का अध्यक्ष बनाने के लिए दिल्ली में डेरा डाले ग्वालियर-चंबल संभाग के 20 से अधिक विधायकों से सिंधिया ने कहा कि मेरे ऊपर छोड़ों, मैं बात करूंगा। लेकिन आज सुबह विधायक  का जमावड़ा श्री सिंधिया के निवास पर दोबारा शुरू हो गया है। 

उनका कहना है कि हम अपनी मांग को दोबारा रखेंगे। इधर पार्टी के दूसरे धड़े का मानना है कि यह सब सिंधिया गुट की प्रेशर टैक्टिस है, जिसके जरिए वह आलाकमान को संदेश देना चाहते हैं कि वह प्रदेश के सबसे कद्दावर नेता हैं। उधर इस घटनाक्रम से 10 जनपथ के भी कान खड़े हो गए हैं और उसने इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए अपने अय्यारों को 27 सफदरजंग भेज दिया है।

विधायकों का कहा है कि हमने अपनी भावना से अपने नेता को अवगत करा दिया है। वह पीसीसी के अध्यक्ष बने क्योंकि अगली साल लोकसभा के चुनाव हैं। सभी विधायकों का मानना है कि वह चुनाव भी श्री सिंधिया की अगुवाई में ही लड़ा जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मौजूद सभी विधायकों का कहना है कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीसीसी का चीफ बनाया जाए। खबर है कि देर रात श्री सिंधिया ने विधायकों से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस संबंध में आलाकमान से बात करेंगे। 

खबर है कि मालवा क्षेत्र के विधायक भी आज श्री सिंधिया से मुलाकात कर अपनी भावना से अवगत कराएंगे। उधर आज सुबह ग्वालियर के प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, डबरा से इमरती देवी सुमन, अंबाह से कमलेश जाटव, मुरैना से रघुराज कंषाना, बनवारी लाल शर्मा, गिर्राज डंडोतिया, रणवीर जाटव, लाखन सिंह यादव, करैरा से जसवंत जाटव, शिवपुरी से सिद्धार्थ लढ़ा, दतिया से राजेंद्र भारती, ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष  मोहन सिंह राठौड़ सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद हैं। 

विधानसभा चुनाव की तरह आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता दिलाने के लिए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाए। इस मांग को लेकर कांग्रेसियों ने शनिवार को फूलबाग चौराहे पर मांगपत्र लेकर प्रदर्शन किया। मांगपत्र पार्टी कार्यकतार्ओं ने अपने खून से लिखे थे, ऐसा उनका दावा रहा। अभियान में राम अवतार शर्मा, सौरभ तिवारी, पवन मिश्रा, नवीन भदकारिया, मोहन राजपूत, बृजमोहन प्रजापति, मनोज राजपूत, जीतू चौहान, विनोद यादव, धर्मेंद्र वर्मा, शशिकांत, मोहन आर्य, रवि वर्मा, गजेंद्र तोमर, नितिन शर्मा, रवि चौहान सहित अन्य शामिल थे।