ट्रंप की ट्रेड वार ने बढ़ाई Apple की मुश्किलें, महंगे होंगे कई प्रोडक्ट्स

 नई दिल्ली
 अमेरिकी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ऐपल ने बुधवार को अपने सालाना लॉन्चिंग इवेंट में पहली बार ड्युअल सिम वाले आईफोन लॉन्च किए। कंपनी ने यह फीचर सिर्फ आईफोन XS और XS Max में दिया। वहीं, तीसरा आईफोन XR सिंगल सिम को ही सपोर्ट करेगा। ऐपल वॉच की चौथी सीरीज में बड़ा बदलाव करते हुए कंपनी ने नया हेल्थ फीचर दिया। इससे 30 सेकंड में ईसीजी लिया जा सकता है। लेकिन इसी बीच अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वार ने ऐपल की दिक्कतें बढ़ा दी है जिसके तहत ऐपल के कई प्रोडक्ट्स अब महंगे हो जाएंगे।

महंगे हो जाएंगे प्रोडक्ट्स
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से 200 अरब डॉलर मूल्य के चीन में बने प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाने से ऐपल वॉच, एयरपॉड्स, हेडफोन, होमपॉड स्मार्ट स्पीकर, मैक्स और कंप्यूटर पार्ट्स और महंगे हो जाएंगे। आयात शुल्क में बढ़ोतरी का बोझ अमेरिकी ग्राहकों को टैक्स के रूप में उठाना पड़ेगा।

भारत में कैसे महंगा पड़ेगा आईफोन
भारत में आईफोन कंपनी एेपल का मार्कीट शेयर 2 से 3 फीसदी है जबकि इसके 1 करोड़ आईफोन यूजर्स हैं। कंपनी ने भारत में मई में 61 बिलियन डॉलर का राजस्व हासिल किया था। बता दें कि जो आईफोन अमरीका में 999 डॉलर में मिल रहा है उस पर अगर 20 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी जाए तो कीमत बढ़ जाएगी। फिर उस आईफोन पर डीलर मार्जन निकाला जाए, शिपिंग चार्जेस लगाए जाए और कुल कीमत पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाए तो उसी फोन की कीमत बढ़कर 1500 डॉलर हो जाएगी।

ट्रंप ने ऐपल को US आने का दिया न्योता
इसी बीच ट्रेड वॉर के परिणामों से बचने से लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ऐपल से अपने उत्पादों को चीन के बजाए अमेरिका में बनाने की अपील की है। अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने के उठाए गए कड़े कदमों के तहत ट्रंप पहले भी अमेरिकी कंपनियों को अपना उत्पादन अमेरिका में करने के लिए कहते रहे हैं। ट्रंप ने एक ट्वीट में लिखा, 'चीन पर भारी टैरिफ लगाए जा रहे हैं जिससे ऐपल की कीमतें बढ़ सकती हैं- लेकिन एक आसान समाधान है जहां शून्य टैक्स होगा और वास्तव में टैक्स प्रोत्साहन होगा। चीन के बजाय संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने उत्पादों को बनाएं। अभी से नए प्लांट्स का निर्माण शुरू करें।'

एेपल बनी सबसे बड़ी कंपनी
पिछले दिनों एेपल एक ट्रिलियन डॉलर यानि लगभग 68,620 अरब रुपए के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई। एेसे में एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने वाली कंपनियों में ऐपल अमेरिका में पहली कंपनी है। एक ट्रिलियन डॉलर की कमाई के बाद एेपल इतनी बड़ी कंपनी बन चुकी है की 177 देशों की जीडीपी भी एेपल की कमाई के सामने कम हैं। एेपल चाहे तो करीब 3 अरब डॉलर की इकॉनमी वाले पाकिस्तान जैसे देश को अकेले ही खरीद सकती है।