ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले तकरीबन सभी सामानों पर शुल्क लगाने की दी धमकी

वॉशिंगटन 
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को चीन के साथ जारी ट्रेड वॉर को और तेज करने का संकेत दिया। ट्रंप ने कहा कि वह चीन से आयात होने वाले तकरीबन सभी सामानों पर शुल्क बढ़ाने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आने वाले दिनों में चीन से आयात होने वाले 267 अरब डॉलर (करीब 19 लाख 25 हजार करोड़ रुपये) के अतिरिक्त सामानों पर भी शुल्क लगाने की धमकी दी। वह चीन से आयात होने वाले 200 अरब डॉलर (करीब 1 लाख 44 हजार रुपये) के सामानों पर शुल्क बढ़ाने का पहले ही ऐलान कर चुके हैं। चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। चीन अपने यहां काम कर रहीं अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ ऐक्शन ले सकता है। 

ट्रंप ने कहा कि वह चीन के खिलाफ सख्त हैं क्योंकि उन्हें होना ही होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'जिस 200 अरब डॉलर की बात हो रही है, वह जल्द ही लागू हो जाएगी। यह इस पर निर्भर करेगा कि उनके साथ क्या होता है। एक हद तक यह चीन के ऊपर निर्भर है।' उन्होंने आगे कहा, 'और यह कहना मुझे पसंद तो नहीं है लेकिन अगर मैं चाहूं तो इसके अतिरिक्त 267 अरब डॉलर के सामानों पर भी जल्द शुल्क लग सकते हैं। इससे समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे।' ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट आ गई और डॉलर के मुकाबले चीनी मुद्रा युआन लुढ़क गई। ट्रंप पहले ही 50 अरब डॉलर (करीब 36 हजार करोड़ रुपये) मूल्य के चीनी सामानों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगा चुके हैं। इन सामानों में ज्यादातर औद्योगिक मशीनें, सेमीकंडक्टरों जैसे इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स शामिल हैं। 

200 अरब डॉलर वाली लिस्ट में कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण, लगेज, हैंडबैग्स, टायर और वैक्यूम क्लीनर जैसे कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स भी शामिल हैं, जिन पर 10 से 25 प्रतिशत टैरिफ लगने हैं। चीन से सबसे ज्यादा आयात होने वाले मोबाइल फोन्स को हालांकि इस टैरिफ से मुक्त रखा गया है लेकिन अगर ट्रंप 267 अरब डॉलर वाली टैरिफ लिस्ट को लागू करते हैं तो यह भी उसमें आ सकते हैं। इससे पहले, शुक्रवार को वाइट हाउस के इकनॉमिक अडवाइजर लैरी कुदलो ने ब्लूमबर्ग टेलिविजन से बातचीत में कहा कि 200 अरब डॉलर की टैरिफ लिस्ट पर अंतिम फैसला लेने से पहले सार्वजनिक टिप्पणियों पर गौर किया जाएगा। दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ को लेकर एक तय समयसीमा के भीतर सार्वजनिक राय मांगी थी। समयसीमा समाप्त होने तक यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस को करीब 6,000 टिप्पणियां मिलीं। कंपनियों की तरफ से की गई ज्यादातर टिप्पणियों में प्रॉडक्ट्स को टैरिफ लिस्ट से बाहर रखने की मांग की गई है।