तो गिर जाएगी मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार! मायावती ने कहा- समर्थन पर दोबारा करेंगे विचार
भोपाल
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बसपा द्वारा जारी की गई एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार भारत बंद को दौरान हुई हिंसा में एससी-एसटी समुदाय को लोगों पर दर्ज मुकदमों को वापस ले। अगर मप्र और राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने केस वापस नहीं लिया तो बसपा उन्हें समर्थन देने पर दोबारा विचार करेगी। मायावती ने कहा कि अब दोनों ही राज्यों में अब कांग्रेस की सरकार है। राजनीतिक साजिस के कारण जिन एससी-एटी समुदाय के लोगों के खिलाफ केस लगाए गए थे, उन्हें वापस लिया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो हम समर्थन पर दोबारा विचार करेंगे।
2 अप्रैल को हुई थी हिंसा
दरअसल, मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी कानून ने बदलाव के आदेश दिए थे। जिसके विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद बुलाया था। इस दौरान मप्र, राजस्थान, उप्र और बिहार समेत 12 राज्यों में हिंसा फैली थी। इस हिंसा में 14 लोगों की मौत भी हुई थी। हिंसा के बाद प्रशासन ने दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किए थे। बता दें कि भारत बंद का सबसे ज्यादा असर मध्यप्रदेश राजस्थान और बिहार में देखने को मिला था।
मप्र-राजस्थान में बसपा ने दिया है समर्थन
हाल ही में मध्यप्रदेश औऱ राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की। बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए। ऐसे में कांग्रेस को 3 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा के विधायक के समर्थन मिला हुआ है। वहीं, राजस्थान में कांग्रेस ने 99 सीटेंं जीतीं जबकि बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत थी। कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन किया। राजस्थान में बसपा ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है।
मुश्किल में कमलनाथ सरकार
मध्यप्रदेश में बसपा के दो विधायक है। वहीं, सपा ने अपने विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने से अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं, यूपी में होने वाले महागठबंधन पर सपा और बसपा ने अभी तक कांग्रेस को लेकर अपना रूख साफ नहीं किया है। अगर मध्यप्रदेश में बसपा अपना समर्थन वापस लेती है तो कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि कांग्रेस सरकार पहले से ही अल्पमत में है।