त्रिपुरा: सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने माकपा, कांग्रेस के दफ्तरों को गिराया गया
नई दिल्ली
त्रिपुरा में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, तभी से ही चर्चा का विषय रही है. सोमवार को ओल्ड स्टैंड क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बने माकपा, कांग्रेस और उनसे संबद्ध ट्रेड यूनियन के ढाचों को गिरा दिया गया.
इन ढाचों को गिराने का काम सुबह के समय शुरू हुआ और कई घंटों तक चला. राज्य की राजधानी त्रिपुरा सहित पश्चिमी त्रिपुरा जिले में राजनीतिक पार्टियों के 100 से ज्यादा अवैध ढांचों की पहचान की गई है. इन सभी दफ्तरों को नोटिस जारी किया जा चुका है. अब इनपर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
जिला मजिस्ट्रेट ( पश्चिमी त्रिपुरा ) मिलिंद रामटेके ने कहा कि सभी अवैध ढाचों को आने वाले दिनों में गिरा दिया जाएगा.
CPI (M) नेता बिजन धर के अनुसार, कुछ दफ्तर सरकारी जमीन पर जरूर बने हुए थे, लेकिन इस तरह से उन्हें ध्वस्त करना राजनीतिक मंशा के तहत किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि सरकार अपने इस फैसले को वापस ले.
मुख्यमंत्री की बयानबाजी रही है चर्चा में
आपको बता दें कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. उनके कई बयानों की आलोचना हुई है तो वहीं कुछ बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने रहे.
हाल ही में उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता, नाखून भी नहीं लगा सकता, जो नाखून लगाएगा उसका नाखून काट दिया जाएगा. इससे पहले वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे छात्रों पर और सरकारी नौकरियां तलाश रहे लोगों पर बयान दे चुके हैं.
उन्होंने नौजवानों को ये सलाह भी दी है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद किसी को सिविल सर्विसेज में नहीं जाना चाहिए. उनके मुताबिक, मैकेनिकल के बजाय सिविल इंजिनियर्स को सिविल सर्विसेज ज्वाइन करनी चाहिए, क्योंकि उनके पास प्रबंधन निर्माण और समाज से जुड़ी ज्यादा जानकारी और अनुभव होता है.
इससे पहले बिप्लब देब महाभारत काल में इंटरनेट और मिस वर्ल्ड में इंडियन ब्यूटी को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं. उन्होंने नई 'साइंटिफिक थ्योरी' देते हुए दावा किया था कि इंटरनेट महाभारत के दौर में भी था और तब इसका इस्तेमाल किया जाता था.
आपको बता दें कि मार्च महीने में त्रिपुरा में चुनाव हुए थे. करीब 25 साल के लेफ्ट के किले को ढहा भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी.