दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह बोले - सारे मुद्दे सुलझे, हम सब एक हैं

दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह बोले - सारे मुद्दे सुलझे, हम सब एक हैं

भोपाल 
अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं और अब विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए वह स्वयं एक समर्पित कार्यकर्ता हैं. मध्य प्रदेश से पांच बार सांसद और दो बार विधायक रहे सिंह ने कहा कि उनके बड़े भाई और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ सारे मुद्दे सुलझ गए हैं तथा वे अब 'एक' हैं.

विधानसभा की चाचौड़ा सीट पर सिंह का मुकाबला बीजेपी की मौजूदा विधायक ममता मीणा से है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके और उनके भाई के बीच सब ठीक ठाक है, उन्होंने कहा, 'हर चीज पूरी तरह से ठीक है. उन्होंने मेरे लिए प्रचार किया और ऐसा करना जारी रखेंगे. हम सब एक हैं और हम जीतेंगे.'

अपने परिवार के गढ़ राघोगढ़ में 'छोटे साब' कहे जाने वाले 63 वर्षीय लक्ष्मण सिंह बीजेपी की मौजूदा विधायक ममता मीणा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं. उन्होंने कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ से माफी मांगते हैं जिनके बारे में उन्होंने कहा था कि उन्हें (पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ को) पार्टी का प्रदेश प्रमुख बनाना 'ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के जमाने में एचएमवी की रिकार्डिंग चलाने जैसा है.'

उन्होंने 28 नवंबर के विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करने के पार्टी के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि अधिक मायने यह रखता है कि लोग बीजेपी के 15 साल के शासन को खत्म करना चाहते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए पार्टी के विधायक बैठक करेंगे और वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पार्टी आलाकमान निर्वाचित विधायकों की बात सुनेंगे.

सिंह ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि वे लोग दिल्ली से किसी को थोपेंगे. वे विधायकों को फैसला करने देंगे और एक - दो घंटे में फैसला हो जाएगा. हम बहुत तेजी से फैसला करेंगे.' उन्होंने कहा, 'मैं उसके (कमलनाथ पर ट्वीट) के लिए माफी मांगता हूं. यह महज एक व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी थी. मैं व्यंग्य करना पसंद करता हूं और व्यंग्यात्मक होने की कोशिश तो करूंगा लेकिन किसी को आहत नहीं करूंगा.' उन्होंने कहा , 'यह जीवन का हिस्सा है और यह जीवन का हिस्सा बना रहेगा.'

सिंह साल 2003 में कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में चले गए थे. लेकिन बाद में उन्हें बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया. चाचौड़ा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार ममता मीणा ने आरोपों को खारिज किया और कहा कि पिछले पांच साल के दौरान अपने क्षेत्र में वह बहुत सक्रिय रही हैं और विधानसभा क्षेत्र को राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा मिला है.

एक आईपीएस अधिकारी की पत्नी मीणा ने 2013 में 34,000 से मतों से जीत हासिल की थी. राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं जिनके लिए 28 नवंबर को चुनाव होगा.