दो साल की बच्ची को सांस लेने में तकलीफ, नाक के पास फंसा ढक्कन, सर्जरी में निकाला

दो साल की बच्ची को सांस लेने में तकलीफ, नाक के पास फंसा ढक्कन, सर्जरी में निकाला

इंदौर
हरदा निवासी दो साल की हर्षिता। चार महीने से सांस लेने में तकलीफ। माता-पिता ने भाेपाल में इलाज करवाया। सीटी स्कैन, एमआरआई सहित तमाम तरह की जांचें करवाईं, लेकिन रिपोर्ट सामान्य आने से बीमारी समझ नहीं आ रही थी। इसी बीच सोमवार को बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। डाॅक्टराें की हड़ताल के बीच माता-पिता ने इंदौर के नाक-कान-गला विशेषज्ञ काे काॅल किया। फिर बच्ची को यहां लाकर भर्ती किया। मंगलवार सुबह उसका ऑपरेशन किया तो पता लगा कि नाक के पीछे तरफ टूथपेस्ट के ढक्कन जैसा दिखने वाला कोई ढक्कन फंसा है। दो घंटे की जटिल सर्जरी कर ढक्कन निकाला।

बच्ची काे लेकर माता-पिता इंदौर अाए। सोमवार को हड़ताल के कारण पहले तो डॉ. गुणवंत यशलहा भर्ती करने पर असमंजस में रहे। लेकिन दर्द से तड़पती बच्ची को देखकर उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां उसका सीटी स्कैन करवाया। मर्ज स्पष्ट नहीं हो पा रहा था तो टेक्नीशियन को नाक और गले के बीच फोकस करने के लिए कहा, तब पार्टिकल नजर आया। डॉक्टर यह जानकर हैरान रह गए कि नाक के पीछे ढक्कननुमा वस्तु फंसी है।

दो साल की हर्षिता: बच्ची की कुछ सेकंड के लिए रुक गई थी सांस, डॉ. यशलहा ने बताया कि पहले की सारी रिपोर्ट नाॅर्मल थी, लेकिन मुझे लगा कि सांस लेने में तकलीफ है तो कोई समस्या जरूर होगी। बच्ची की नाक के रास्ते यह ढक्कन अंदर जाना असंभव था। मुंह से भी वहां पहुंचना असामान्य था। यह ढक्कन नाक के पास आड़ा फंसा था। उसे नाक के रास्ते निकालना संभव नहीं था। एेसे में मंगलवार सुबह दो घंटे तक ऑपरेशन किया। नाक से गले में धक्का देकर उसे निकाला। इस दौरान कुछ सेकंड के लिए उसकी सांस पूरी तरह रुक गई थी। बच्ची नीली भी हो गई थी। हालांकि अब वह ठीक है।