पटना में जलप्रलय को प्राकृतिक आपदा नहीं मानना सरकार की चूक: गिरिराज सिंह
बेगूसराय
केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से बाढ़पीड़ितों के बीच राहत व्यवस्था कागजों में सिमटी हुई है। प्रशासन के लिए बाढ़ उत्सव के समान है। विभागीय प्रावधान की आड़ में मानवीय संवेदना के साथ मजाक किया जा रहा है। पटना में जलप्रलय को प्राकृतिक आपदा नहीं मानकर सरकार की चूक बताया। कहा कि सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि फिर से पटना में ऐसा संकट उत्पन्न नहीं हो। केंद्रीय मंत्री सर्किट हाउस में पत्रकारों के साथ वार्ता कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि तीन अगस्त को बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर जिला प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था का दावा किया था। लेकिन, बाढ़ आने पर सारी तैयारियों की पोल खुल गयी। कहा कि 2011 से 2014 तक 300 सरकारी नावों की खरीद की गयी। लेकिन, इनमें से सिर्फ 20 नाव ही परिचालन योग्य पायी गयी। 42 नावों को मरम्मत व गहनीकरण के बाद परिचालन योग्य बना दिये जाने की बात कही गयी थी। वहीं, 130 निजी नावों के साथ एकरारनामा करा लिये जाने की बात कही गयी। लेकिन, वर्तमान स्थिति यह है कि लोगों को नावों की समुचित सुविधा नहीं मिल रही है। लोग महंगे सूद पर राशि लेकर निजी नाव की व्यवस्था कर रहे हैं।