पहली हिंदू सांसद, मोदी की भी मुरीद.... ट्रंप को टक्कर देने जा रहीं तुलसी

अमेरिका
अमेरिकी संसद की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा है कि वह 2020 के राष्ट्रपति चुनावों की दावेदार होंगी। सांसद एलिजाबेथ वारन के बाद 37 वर्षीय गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की दूसरी महिला दावेदार हैं। ट्रंप को 2020 में चुनौती देने के लिए अब तक 12 से ज्यादा डेमोक्रेटिक नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा कर दी है।
बता दें कि तुलसी गेबार्ड हिंदू जरूर हैं, लेकिन वह भारतीय नहीं है। तुलसी गेबार्ड का जन्म अमेरिका के समोआ में एक कैथोलिक परिवार में हुआ था। उनकी मां कॉकेशियन हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया था। तुलसी दो साल की थीं, तब वे हवाई आकर रहने लगीं, बाद में उन्होंने भी हिंदू धर्म अपना लिया। तुलसी पहली अमेरिकी सांसद हैं, जिन्होंने गीता को हाथ में लेकर शपथ ली थी। भले ही तुलसी भारतीय नहीं हैं, लेकिन वे भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। बता दें कि यहूदी अमेरिकियों के बाद US में भारतीय-अमेरिकी समुदाय सबसे प्रभावशाली और धनी माना जाता है।
भारतीय मूल के अमेरिकीयों में तुलसी गेबार्ड पहले से ही लोकप्रिय हैं। भारतीय अमेरिकियों का समूह यहूदी अमेरिकियों के बाद देश का सबसे प्रभावशाली और अमीर समूहों में शामिल हैं। इसी वजह से वे अमेरिका के 50वें राज्य हवाई से लगातार जीत दर्ज करती आ रही हैं।
तुलसी पूर्ण शाकाहारी हैं, जो चैतन्य महाप्रभु के आध्यात्मिक अंदोलन गौडिया वैष्णव संप्रदाय का अनुकरण करती हैं। उनके भाई-बहन भी हिंदू हैं, जिनका नाम भक्ति, जय, नारायण और वृंदावन हैं। तुलसी गीता को अपना आध्यात्मिक मार्गदर्शक मानती हैं और 'कर्म योग' में विश्वास रखती हैं। 2012 में एक बयान में तुलसी ने कहा था कि वह भारत जाने की इच्छा रखती हैं, खास तौर पर वृंदावन जाने की इच्छा है। तुलसी ने अब्राह्म विलियम से साल 2015 में वैदिक रीति रिवाज से शादी की थी।