पहले शाही स्नान के साथ प्रयाग की धरती पर कुंभ का आगाज, संतों ने लगाई आस्था की डुबकी
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आस्था के सबसे बड़े मेले कुंभ का आगाज हो गया है. मकर संक्रांति के मौके पर हिन्दू धर्म के साधु-संन्यासी पहले शाही स्नान के लिए पहुंचे. 15 जनवरी यानि मकर संक्रांति से प्रयाग की धरती पर धर्म के विश्वविद्यालय के आरंभ का उद्घोष हो गया है. ऐसी मान्यता है कि संगम में एक डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और लोगों को जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.
कड़ाके की सर्दी में शुरू हुआ शाही स्नान
मकर संक्रांति के मौके पर शाही स्नान के साथ ही प्रयागराज में कुंभ का शंखनाद हो गया है. कड़ाके की सर्दी में अलग-अलग अखाड़ों के साधु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. हर तपस्वी की यही इच्छा होती है कि वो धर्म के सबसे बड़े मेले में संगम तट पर शाही स्नान का हिस्सा बनें. उनके लिए कुंभ ही उनके जीवन का सबसे बड़ा तीर्थ है. ऐसे में सालों बाद जब ये मौका आया तो कड़ाके की ठंड को भी मात देते हुए संन्यासियों ने शाही स्नान किया. पूरे धूमधाम से शोभा यात्रा निकालते हुए निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु संतों ने संगम तट पर शाही स्नान किया. केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है. वह भी इस पावन पर्व पर कुंभ के शंखनाद की साक्षी बनीं.
भव्य और दिव्य कुंभ की झलक
त्रिवेणी संगम की नगरी प्रयागराज में अध्यात्म की चमक और अनगिनत भावों से भरी हुई है. कुंभ में इस बार 12 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. मेले में करीब बीस लाख विदेशी सैलानियों के पहुंचने की भी उम्मीद है. इस बार के कुंभ में भव्यता और दिव्यता दोनों की झलक नजर आ रही है.
कुंभ की तरंग में बहते जटा-जूटधारियों के रंग ढंग रोमांचित करने वाले हैं. कुंभ मेले में हजारों संन्यासियों का जमघट लगा है. कोई सर में रुद्राक्ष का मुकुट पहने है, कोई अपना एक हाथ ऊपर किये राष्ट्र रक्षा के लिए तप कर रहा है. कोई एक टांग पर खड़े होकर अलक्षित सूर्य को अर्घ्य दे रहा है.
मकर संक्रांति पर प्रयाग की धरती पर चिंतन, धर्म के महीन धागों की डोर से जीवन बुना जा रहा है. आस्था की डुबकी में सनातन संस्कृति का सार समझ में आएगा. कुंभ में नागा संन्यासियों का रहस्य और करतब भी इसी संगम के आकाश के नीचे तैरता है.
कुंभ सिर्फ संस्कारों का सैलाब नहीं हैं. यहां सिर्फ साध्य, साधक और साधना नहीं है बल्कि ऐसी अजब गजब चीजें हैं जो कुंभ के रंग में रंग जाने को बाध्य कर देती हैं. हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ तमाम अखाड़ों के साधू-संतों का जुलूस, गंगा के दुग्धाभिषेक के साथ नागा साधुओं की छपाक और धूनी लपेटे साधुओं के अजब-गजब करतब न सिर्फ रोमांचित करता है, बल्कि भावों से भर देता है.
12 करोड़ लोगों के आने का अनुमान
इस बार कुंभ में 12 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है, ऐसे में करोड़ों लोगों की सुविधा और सुरक्षा का ख्याल रखते हुए ज़बरदस्त बंदोबस्त किए गए हैं, इनमें संगम तट पर बना अस्थाई अस्पताल लाजवाब है, इसमें 100 बेड लगाए गए हैं, वो बेहद आधुनिक हैं, अब तक इस अस्पताल में 10 हज़ार लोगों को ओपीडी के ज़रिए इलाज किया जा चुका है. इस बार कुंभ में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से पहली बार कुंभ मेले के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया गया है. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस कमांड सेंटर का उद्घाटन किया था. कुंभ में 40 हज़ार एलईडी लाइट लगाई गई हैं, तो लेज़र शो के ज़रिए सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाए जाएंगे.