पीड़ित दिव्यांग युवक और युवती पहुंचे कलेक्ट्रेट,प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार

पीड़ित दिव्यांग युवक और युवती पहुंचे कलेक्ट्रेट,प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार

युवती ने दिव्यांग युवक से प्रेम विवाह कर पेश की मिशाल लेकिन युवती के परिवारजनों के विरोध के चलते दोनों दर दर भटकने मजबूर।

छिंदवाड़ा

एमपी के छिंदवाड़ा में शारीरिक रूप से सक्षम एक युवती ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए अपने जीवनसाथी के रूप में दोनों पैर से दिव्यांग युवक से प्रेम विवाह कर जहां एक ओर सामाजिक कुरूतियों को दूर किया है वहीं अपने इस कदम से जमाने को बता दिया है कि प्रेम करने के लिए शारीरिक सक्षमता नही बल्कि दो दिलों का मिलना काफी है।युवती के इस कदम की जहां पूरे जिले में सराहना की जा रही है वहीं दूसरी ओर युवती के परिवार वाले इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं और इसी के कारण दोनों पीड़ित युवक युवती कलेक्ट्रेट पहुंच न्याय की गुहार लगाने के साथ ही साथ सुरक्षा की मांग भी कर रहे हैं।

दरअसल छिंदवाड़ा के हर्रई में रहने वाले अमित कुमार इंगले दोनों पैर से दिव्यांग हैं और अपनी आजीविका चलाने के लिए हर्रई में ही मोबाइल शॉप संचालित करते हैं,कुछ महीनों पहले ही अमित की मुलाकात पूजा बंजारा नामक युवती से हुई,धीरे धीरे मुलाकात दोस्ती में बदली और फिर दोस्ती,प्यार में बदल गई जिसके बाद दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसम खाते हुए आर्य समाज मे जाकर 11 जून को प्रेम विवाह कर लिया।प्रेम विवाह करने के दूसरे दिन से ही युवती के परिवारजन दिव्यांग युवक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे और अब दोनों पति पत्नि इतने परेशान हो गए कि उन्हें कलेक्ट्रेट आकर न्याय की गुहार लगानी पड़ी है।जिला प्रशासन से अपनी गुहार लगाने आई पीड़ित युवती पूजा बंजारा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अमित के दोनों पैर से दिव्यांग होने के कारण उसके परिजन इस प्रेम विवाह के खिलाफ हो गए हैं जिसके कारण हम दर दर भटक रहे हैं और अपने घर भी नही जा पा रहे हैं और पुलिस भी हमारी कोई सहायता नही कर रही है वहीं पीड़ित युवक अमित इंगले ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि इस प्रेम विवाह के खिलाफ मेरी पत्नि के पिता और मामा मुझे और मेरे दोस्तों को जान से माँरने की धमकी दे रहे हैं और मेरे परिवार से भी इसका लगातार बदला लिया जा रहा है जिसके चलते ही युवती के परिजनों ने मेरे पिता का ट्रांसफर करवा दिया है,हमारी प्रशासन से मांग है कि हमारी सुरक्षा करे जिससे हम वापस घर जा सके।