पुरूष और महिला समाज के दो महत्वपूर्ण घटक हैं: नाईक
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नेे कहा कि पुरूष और महिला समाज के दो महत्वपूर्ण घटक हैं, दोनों घटक सशक्त होंगे तभी विकास होगा। नाईक ने शुक्रवार को यहां डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में ‘जस्प्रुडेन्शिया’ संस्था द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की स्मृति में आयोजित‘महिला सशक्तीकरण एवं ङ्क्षलग समानता’विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण एवं ङ्क्षलग अनुपात के लिये सरकार एवं समाज के स्तर से क्या हो रहा है वह ठीक है पर मैं क्या कर रहा हूं यह सवाल स्वयं से पूछें।
जनसहभागिता से महिलाओं को सम्मान और सहभागिता दोनों मिल सकती है। आधी आबादी के सशक्तीकरण के लिये हम क्या कर सकते हैं, इस पर विचार करते हुये आगे बढऩे का संकल्प लें। नाईक ने कहा कि महिलाओं के लिये केवल शिक्षा नहीं बल्कि उच्च शिक्षा प्रदान करके समर्थ बनाने की आवश्यकता है। पुरूष और महिला समाज के दो महत्वपूर्ण घटक हैं, दोनों घटक सशक्त होंगे तभी विकास होगा। महिला और पुरूष गाड़ी के दो पहिये के सामान है, एक भी पहिया कमजोर होगा तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती। महिला संस्कारवान समाज का निर्माण करती है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण में स्वयं की भागीदारी सुनिश्चित करें। राज्यपाल ने बताया कि महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से उनके द्वारा वर्ष 1991 में लोकसभा में निजी विधेयक के रूप में स्तनपान प्रोत्साहन और शिशु आहार विज्ञापन पर प्रतिबंध विषयक विधेयक चर्चा के लिए लाया गया था जो 29 दिसंबर 1992 को लागू हुआ। इसी प्रकार विपक्ष में रहते हुए दुनिया में पहली महिला लोकल का संचालन मुंबई में करवाया तथा मछुवारी महिलाओं की सहायता के लिये लोकल ट्रेन कंपार्टमेंट में सुबह तीन घंटे आरक्षित करवाने का कार्य किया।