भोपाल में COVID-19 को फिर मिली मात, संक्रमित तीसरे IAS अफसर भी हुए स्वस्थ

भोपाल में COVID-19 को फिर मिली मात, संक्रमित तीसरे IAS अफसर भी हुए स्वस्थ

भोपाल
कोरोना संक्रमण (COVID-19) का मुकाबला फ्रंट फुट पर खड़े होकर कर रहे मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग (MP Health Department) के अधिकारी और कर्मचारी पिछले दिनों खुद कोरोना की चपेट में आ गए थे. कोरोना की जंग लड़ते-लड़ते चार आईएएस अफसर भी इससे संक्रमित हो गए थे. स्वास्थ्य विभाग की पीएस पल्लवी जैन गोविल और हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी जे विजयकुमार पहले ही डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं. वहीं शुक्रवार को चिरायु अस्पताल से डिस्चार्ज होकर तीसरे कोरोना पाजिटिव आईएएस अफसर सोमेश मिश्रा भी स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गए हैं. घर पहुंचकर इन अधिकारियों ने कोविड-19 के भयानक रूप को मात देने के लिए फिर से कमर कस ली है.

ठीक होकर घर पहुंचे चिकित्सा शिक्षा विभाग के उपसचिव सोमेश मिश्रा का कहना है कि कोरोना का वायरस दूसरी सामान्य बीमारियों की तुलना में ज्यादा खतरनाक है. अन्य सामान्य बीमारियों की तरह इसमें भी सर्दी, खांसी और बुखार होता है, लेकिन इसके संक्रमण फैलने की क्षमता दूसरे वायरस से कई गुना ज्यादा है. इससे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है खुद पर बंदिश. ऐसा कर के ना केवल वो व्यक्ति संक्रमण से बच सकता है जो इसकी चपेट में है, बल्कि और भी जो लोग संक्रमित व्यक्ति के आस-पास हैं वो भी बच पाएंगे. सोमेश मिश्रा मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में डिप्टी सेक्रेटरी हैं इसलिए मेडिकल साइंस से जुड़ी हर जानकारी उनके पास रहती है. केंद्र सरकार ने प्लाज्मा थैरेपी के लिए ड्रग ट्रायल को मंजूरी दी है. इस दौरान जो लोग कोरोना से स्वस्थ हुए हैं उनके शरीर में एंटी बॉडी विकसित हुई है. इन्हीं योद्धाओं का 14 दिन क्वारेंटाइन पूरा होते ही प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित करेंगे.​

सोमेश मिश्रा ने बताया कि पहली बार खुद को संदिग्ध मानकर बीते दो अप्रैल को उनके सैंपलस की जांच करायी गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई. लेकिन आठ-नौ अप्रैल को जैसे ही बुखार आया उन्होंने 11 तारीख को टेस्ट कराया तो अगले दिन रिजल्ट पॉजिटिव आया. रिपोर्ट मिलते ही मिश्रा उसी दिन अस्पताल में एडमिट हो गए. लेकिन इसके बाद भी उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए गए. अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उनको पांच दिन की दवा का कोर्स पूरा कराया. इस दौरान उन्होंने इन्म्युनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाएं डोज में ली. कसरत और योग-प्राणायाम निरंतर किया और अब स्वस्थ्य होकर घर लौटने पर 14 दिन का क्वारंटाइन पूरा करने में लगे हैं.

सोमेश मिश्रा की माने तो क्वारंटाइन पीरियड पूरा होते ही कोरोना के इलाज में मददगार माने जा रहे प्लाज्मा और ब्लड डोनेशन के लिए वो लोगों को प्रेरित करने में जुट जाएंगे और प्रदेश को इस सकंट से बचाने की रणनीति बनाएंगे.