मंत्रालय पहुंचे सीएम कमलनाथ, अफसरों में मचा हड़कंप, हो सकता है बड़ा ऐलान
भोपाल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण के तीसरे दिन भी एक्शन में नजर आए। वे बुधवार सुबह मंत्रालय पहुंच गए। उनके मंत्रालय पहुंचते ही मंत्रालय में हड़कंप मच गया। उन्होंने अफसरों को बुलाकर कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद वे दोपहर में पुलिस के बड़े अफसरों से भी चर्चा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि कानून व्यवस्था को लेकर कमलनाथ पहले ही पुलिस के आला अधिकारियों से नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान वे अफसरों को फटकार भी लगा सकते हैं। साथ ही पुलिस कर्मियों को छुट्टी और नई भर्ती का भी ऐलान कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पद संभालने के बाद यह तीसरा दिन है। बुधवार को वे सुबह मंत्रालय पहुंच गए। कमलनाथ के फिल्म नायक की तर्ज पर काम करने के तरीके से मंत्रालय में हड़कंप मचा हुआ है। कई अफसर अपने-अपने विभागों की अहम फाइलें लेकर मुख्यमंत्री के कक्ष की तरफ दौड़ पड़े। सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ मंत्रालय के कई बड़े अफसरों के साथ बैठक कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आज भी कोई बड़ा फैसला हो सकता है।
दोपहर में कानून व्यवस्था पर होगी बैठक
कमलनाथ मंत्रालय के अफसरों के साथ बैठक करने के बाद कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ शपथ ग्रहण के मौके पर ट्रैफिक व्यवस्था के कारण भी खासे नाराज हैं। शपथ ग्रहण के दौरान फैली अव्यवस्था के कारण कई जगहों पर जाम की स्थिति से नेताओं को परेशान होना पड़ा था। इसके अलावा प्रदेश में बढ़ते अपराध और पेंडिंग मामलों पर भी वे पुलिस अफसरों की क्लास लेने वाले हैं। दोपहर में 1 बजे वे पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक लेंगे।
पुलिस के साप्ताहिक अवकाश पर हो सकता है फैसला
इस बैठक में पुलिस के जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने पर भी कोई फैसला हो सकता है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने से पहले अपने वचन पत्र में इसका उल्लेख किया था। कहा गया था कि कांग्रेस सत्ता में आती है तो पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा। इसके साथ ही तनाव मुक्त ड्यूटी देने पर भी विचार किया जाएगा। इस फैसले के बाद हजारों पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी।
बदल सकते हैं बड़े अफसर
कांग्रेस के सत्ता में आते ही कई सालों से जमे बड़े अफसरों को बदला जा सकता है, जबकि कई अफसरों को लूप लाइन से निकालकर फील्ड में लाया जा सकता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव, कई प्रमुख सचिव, कई जिलों के कलेक्टर, कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों समेत अन्य अफसरों को भी बदला जा सकता है। इसके लिए हर जिले के कांग्रेस विधायकों और कांग्रेस के सांसदों से राय मांगी गई है।