मध्य प्रदेश में थम गया चुनाव प्रचार, अब भाग्य विधाताओं से डोर-टू-डोर मिलेंगे प्रत्याशी

मध्य प्रदेश में थम गया चुनाव प्रचार, अब भाग्य विधाताओं से डोर-टू-डोर मिलेंगे प्रत्याशी

भोपाल 
शाम 5 बजते ही मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए पूरे प्रदेश में प्रचार थम गया. यहां 28 नवंबर को मतदान है. अब प्रत्याशी सिर्फ डोर-टू-डोर जनसंपर्क कर वोट मांग सकेंगे. लाउड स्पीकर पर वोट की अपील, रैली या सभा अब नहीं हो सकेगी.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी एल कांता राव  के मुताबिक निर्भीक और निष्पक्ष मतदान के लिए व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं. 28 नवंबर को मध्य प्रदेश की 230 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इन सीटों के लिए इस बार 2 हज़ार 907 प्रत्याशी मैदान में हैं पूरे प्रदेश में कुल 65341 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें मतदाता वोट डालेंगे. प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला प्रदेश के 5 करोड़, 4 लाख 95 हज़ार मतदाता करेंगे.

मध्यप्रदेश की सभी अंतर्राज्यीय सीमाएं सील कर दी गयी हैं. दूसरे प्रदेशों से आए राजनैतिक दलों  के नेताओं और प्रतिनिधियों को वापस भेजा गया  है. साईलेंस पीरियड के दौरान टीवी, रेडियो सहित, सोशल मीडिया पर प्रचार पर रोक है.

चुनाव ड्यूटी में तीन लाख कर्मचारी,पीठासीन अधिकारी,चुनाव अधिकारी तैनात किए गए हैं. प्रदेश में 2 हजार पिंक बूथ बनाए गए हैं. इनमें महिला कर्मचारी तैनात रहेंगी. दिव्यांग मतदाताओं  के लिए ब्रेल लिपि में पर्ची उपलब्ध रहेगी.

मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में होता दिख रहा है. बीजेपी ने प्रदेश की सभी 230 सीटों के लिए प्रत्याशी खड़े किए हैं. जबकि कांग्रेस ने 229 प्रत्याशी उतारे हैं. जतारा की एक सीट उसने लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ी है. आम आदमी पार्टी के 208, बीएसपी के 227, बहुजन मुक्ति पार्टी के 34, जनाधिकार पार्टी के 32, समाजवादी पार्टी के 52, सपाक्स के 110, शिवसेना -81 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. सबसे ज़्यादा 1094 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं.

शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रदेश में चुनाव आयोग ने व्यापक इंतज़ाम किए हैं. पूरे प्रदेश की दूसरे राज्यों से लगने वाली सीमाएं सील कर दी गयी हैं और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. मतदान के दिन शाम 5 बजे तक कोई भी शराब की बिक्री और ख़रीद नहीं कर सकेगा.

पूरे प्रदेश में 1,90,000 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं.ग्वालियर-चंबल संभाग में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर नक्सल प्रभावित बालाघाट ज़िले में 76 कम्पनियां तैनात की गयी हैं. प्रदेश में पैरामिलिट्री फोर्स की 650 कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है. पोलिंग बूथों पर भी पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा.

मतदान के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए पुलिस अलर्ट रहेगी. पुलिस को सूचना मिलने के 3 मिनट के अंदर फोर्स मौके पर पहुंच जाएगा. मौके पर लोकल पुलिसकर्मी और मोबाइल वाहन तैनात रहेंगे.