मिसाल: ब्रेन ट्यूमर सर्वाइवर ने जीता कर्नाटक ब्यूटी क्वीन का खिताब

बेंगलुरु 
ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी से पीड़ित होने के बाद किसी भी इंसान की जिंदगी बिखर जाती है लेकिन 31 साल की सोनिया सिंह उन सबके लिए मिसाल हैं। जानलेवा बीमारी से पीड़ित होने के बाद उन्होंने अपने हौसलों को पस्त नहीं होने दिया। लगातार इलाज और दवाइयों के बाद भी अपने जज्बे के दम पर कर्नाटक ब्यूटी क्वीन का खिताब हासिल किया।

यह सब कुछ तब शुरू हुआ जब पांच साल पहले एक रोज सोनिया को सिर और कंधों में तेज होने लगा। इसके बाद उन्हें भोजन निगलने में भी दिक्कत आने लगी। दर्द लगातार न होकर बीच-बीच में होता रहता था। इसके बाद जनवरी 2013 सोनिया बीजीएस ग्लोबल ग्लेनईगल्स अस्पताल में डॉ. एनके वेंकटरमन से मिलीं। यहां जांच में सामने आया कि उन्हें दिमाग में मेडॉलरी सिस्टिक ट्यूमर है। 

सोनिया उस वक्त तीन महीने की बच्ची की मां भी थीं। उन्होंने अपनी बीमारी को कमजोरी नहीं बनने दिया और हर चरण में खुद को मजबूत बनाती गईं। डॉ. वेंकटरमण ने बताया, 'ट्यूमर ब्रेन स्टेम में स्थित था जिस वजह से इसके ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही थीं। अक्सर लोगों को पता चलता है कि वह ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो वह डिप्रेशन में चले जाते हैं लेकिन सोनिया ने साहस के साथ इसका मुकाबला किया। उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी तक में बदलाव किया। वह जीवन के प्रति बेहद सकारात्मक रहने लगीं और अपनी खुद की कंपनी भी शुरू कर दी।' 

'हाई हील्स पहनकर चलने से पैरों में सूजन आ गई थी' 
उन्होंने कहा कि सौभाग्यवश ट्यूमर कैंसर संबंधी नहीं था। उन्होंने मिसेज इंडिया कर्नाटक 2018 में भाग लिया। सोनिया ने बताया, 'ब्यूटी कॉन्टेस्ट के दौरान हाई हील्स पहनकर चलना आसान नहीं था। ट्यूमर दिमाग के हिस्से में स्थित था जो रीढ़ की हड्डी की ऐक्टिविटी को नियंत्रित करता है। हील्स पहनकर चलना मेरे लिए दर्दभरा था। कई घंटे तक खड़े रहने से पैरों में सूजन आ जाती थी और नींद पूरी न होने के चलते प्रतियोगिता के दौरान मेरे चेहरे में भी सूजन आ गई थी।' सोनिया पहले एक एयरहोस्टेस थीं अब मोटिवेशनल स्पीकर और आन्त्रेप्रिन्योर हैं।