मुंबई: पहली बार सेंट जेवियर्स चुन सकता है गैर-ईसाई प्रिंसिपल

मुंबई 
150 वर्षों के इतिहास में मुंबई के प्रतिष्ठित कॉलेज सेंट जेवियर्स में पहली बार गैर-इसाई प्रधानाचार्य की नियुक्ति हो सकती है। कॉलेज में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख राजेंद्र शिंदे कॉलेज के 24वें प्रधानाचार्य के रूप में 1 सितंबर को पदभार संभालने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो जेवियर्स भारत का एकमात्र ऐसा क्रिस्चयन कॉलेज होगा, जहां एक गैर-ईसाई प्रधान की नियुक्ति होगी।  

बता दें कि न तो दिल्ली के सेंट स्टीफन न ही कोलकाता के सेंट जेवियर्स और न ही मद्रास क्रिस्चयन कॉलेज (एमसीसी) में अब तक समुदाय से अलग प्रधानाचार्य की नियुक्ति हुई है। प्रधानाचार्य के लिए नामित नेरुल निवासी राजेंद्र शिंदे कॉलेज के साथ पिछले 35 वर्षों से जुड़े हैं। उन्होंने 1983 से शुरुआत के 10 साल हरबेयिरम क्यूरेटर के रूप में सेवाएं दीं। 2011 में वह कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य के पद पर आसीन हुए थे। 

फैसले से बेहद खुश हैं शिंदे 
राजेंद्र शिंदे इसे एक सुखद आश्चर्य बताते हैं। वह कहते हैं, 'मैनेजमेंट ने अपने 150वे साल में मुझे प्रिंसिपल के रूप में नामित करके एक स्ट्रॉन्ग मेसेज दिया है। मेरी नियुक्ति मेरी सहकर्मियों और जूनियर के लिए भविष्य में पथ निर्माण करेगी।' 

राजेंद्र शिंदे ने अपनी प्राइमरी शिक्षा नासिक के पास ओढ़ा गांव से पूरी की है। उस समय गांव में सिर्फ एक ही स्कूल हुआ करता था। उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई का रुख किया और 1978 में सेंट स्टेनिस्लॉस से पढ़ाई शुरू की। 1983 में बॉटनी से ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स जॉइन किया।