राज्य में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में बोले भूपेश

रायपुर
कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक वर्चुअल बैठक आज हुई। जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति तथा इसकी रोकथाम और बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी है और केन्द्र सरकार से इसकी सतत उपलब्धता बनाए रखने का किए जाने की बात कमेटी के सदस्यों को बताई। बैठक में लोकसभा सांसद राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित वरिष्ठ नेतागण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण में आई तेजी चिंताजनक है। प्रदेश में वैक्सीनेशन, टेस्टिंग और मरीजों के इलाज के लिए बेहतर से बेहतर प्रबंध किए गए हैं। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि मरीजों को राहत मिले। लोगों को कोरोना से बचाव के उपायों का पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सभी जिला कलेक्टरों को कोरोना संक्रमण की स्थिति पर लगातार निगरानी रखने और आम जनता का राहत देने, मरीजों के इलाज और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए हैं। एहतियात के तौर पर कई जिलों में कलेक्टरों ने लॉकडाउन लगाया है। कलेक्टरों से कहा गया है कि लोगों को दवाईयों और राशन की आपूर्ति लगातार सुनिश्चित की जाए। लॉकडाउन के दौरान गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ टेस्टिंग के मामले में देश के अन्य राज्यों से काफी आगे है। उन्होंने कहा कि राज्य में टेस्टिंग क्षमता विशेषकर आरटीपीसीआर और ट्रू नॉट टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। माह फरवरी में दैनिक औसत टेस्टिंग 21 हजार 142 थी, जो मार्च में बढक? 30 हजार 501 और अप्रैल में बढक? 39 हजार हो गई है। छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख पर 2 लाख 4 हजार 420 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10 लाख पर एक लाख 89 हजार 664 टेस्ट किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 1435 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 929 है। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ नया राज्य है इसलिए आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा कम थी, जिसे अब बढ़ाते-बढ़ाते 40 प्रतिशत तक लाया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में अक्टूबर 2020 में आरटीपीसीआर जांच का प्रतिशत 26 प्रतिशत था, जो अप्रैल 2021 में बढक? लगभग 40 प्रतिशत हो गया है। राज्य में वर्तमान में 7 शासकीय लैब तथा 5 निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त राज्य में 4 नई शासकीय आरटीपीसीआर लैब महासमुंद, कांकेर, कोरबा और कोरिया में स्थापित की जा रही हैं। इसके साथ ही 31 शासकीय लैब तथा 5 निजी लैब में ट्रू नॉट जांच की सुविधा उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों को इलाज में ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े इसके लिए प्रधानमंत्री जी से वेन्टीलेटर, मेडिकल आॅक्सीजन, आॅक्सीमीटर, रेमडेसिवीर, इंजेक्शन, सहित अन्य दवाईयों पर जीएसटी की दर कम करने का आग्रह किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र द्वारा जो वेन्टीलेटर उपलब्ध कराए गए वे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं इस बारे में भी केन्द्र सरकार को अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में आॅक्सीजन बेड उपलब्ध है, जिला कलेक्टरों को आॅक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कोविड-19 टीकाकरण की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वैक्सीन का 3 दिन की जरूरत का स्टाक है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से छत्तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ को एक सप्ताह की जरूरत का वैक्सीन एडवांस में उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। इससे बस्तर, कोरिया, सरगुजा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के जिलों में वैक्सिनेशन में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 207 कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं। जहां घर-घर जाकर एक्टीव सर्विलेंस और टेस्टिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जिले को राशि आबंटित की गई है। जहां जैसी जरूरत होगी जिलों को राशि उपलब्ध कराई जाएगी।