लोकतंत्र का महापर्व: आज पहले चरण की वोटिंग
नई दिल्ली
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का गुरुवार से सबसे बड़ा उत्सव शुरू हो रहा है। जी हां, गुरुवार को पहले चरण के लोकसभा चुनाव के लिए देश के 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 91 सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू होगा। इससे कुछ घंटे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाताओं से अपील की। उन्होंने बुधवार शाम वोटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि यह मेरी विनम्र अपील है कि आप ज्यादा से ज्यादा संख्या में आएं और वोट डालें जिससे लोकतंत्र का आधार मजबूत होता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रयास फलीभूत होंगे, अगर हर एक मतदाता पूरे उत्साह और भरोसे के साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लें।
लोकसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है। केंद्र में नई सरकार बनाने के लिए सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं। इनके साथ-साथ पहले चरण में ही आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। ओडिशा विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान भी गुरुवार को होगा। पहले चरण में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तराखंड, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा तेलंगाना की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे। इसके अलावा पहले चरण में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी कुछ लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा।
कई मंत्रियों की सीटों पर चुनाव
पहले चरण में होने जा रहे चुनाव में कई राज्यों में काफी दिलचस्प टक्कर होने वाली है। दरअसल, इसी चरण में कुछ मौजूदा मुख्यमंत्रियों, कई केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न पार्टियों के कुछ वरिष्ठ नेताओं का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से आठ सीटों, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से चार और पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से दो सीटों पर चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों में प्रमुख सहारनपुर, कैराना, गाजियाबाद, बागपत और गौतमबुद्धनगर हैं। इन सीटों पर तीन केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (गाजियाबाद), सत्यपाल सिंह, (बागपत) और महेश शर्मा (गौतमबुद्धनगर) के साथ-साथ राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष अजित सिंह तथा उनके बेटे जयंत चौधरी भी मैदान में हैं।
UP के 11 फीसदी मतदाता डालेंगे वोट
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों के लिए मतदान होने हैं। बीजेपी को इन सीटों पर समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के चलते कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस को भी यहां अच्छा प्रदर्शन की उम्मीद है। सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की आठ सीटों पर कुल 1.5 करोड़ मतदाता हैं, जो गुरुवार को मतदान करेंगे। ये मतदाता राज्य की 80 लोकसभा सीटों के लिए 14 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के करीब 10.45 प्रतिशत हैं।
उत्तर प्रदेश के पहले चरण का चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि पश्चिमी क्षेत्र में किसी भी तरह का ध्रुवीकरण बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में देखा गया था कि ध्रुवीकरण से बीजेपी को फायदा हुआ था। आइए उत्तर प्रदेश की प्रमुख संसदीय सीटों का समीकरण समझते हैं।
मुजफ्फरनगर
एसपी-बीएसपी-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार रालोद प्रमुख अजित सिंह यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान के खिलाफ मैदान में हैं। यहां की पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी है। यहां करीब 17 लाख मतदाता हैं, जिनमें मुस्लिम 26 प्रतिशत, जाटव 15 प्रतिशत और जाट आठ प्रतिशत हैं। इस क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यह सीट दोनों नेताओं के लिए आसान नहीं होने वाली है।
गाजियाबाद
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह यहां से दोबारा जीतना चाहते हैं, लेकिन उन्हें त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। एसपी-बीएसपी-रालोद गठबंधन ने सुरेश बंसल को और कांग्रेस ने युवा व्यवसायी डॉली शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।
गौतमबुद्ध नगर (नोएडा)
इस सीट पर महेश शर्मा का सामना कांग्रेस के अरविंद कुमार सिंह और एसपी-बीएसपी-RLD गठबंधन से बीएसपी उम्मीदवार सतवीर नागर से होगा।
बागपत
केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह इस जाट बहुल इलाके से दोबारा जीत दर्ज करना चाहते हैं, जबकि रालोद नेता अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी एसपी-बीएसपी-रालोद उम्मीदवार के रूप में उनके खिलाफ लड़ रहे हैं।
सहारनपुर
बीजेपी ने यहां से अपने मौजूदा सांसद राघव लखनपाल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ इमरान मसूद को खड़ा किया है, जिन्होंने पिछले चुनाव में लखनपाल को कड़ी टक्कर दी थी, मगर 65,000 मतों से वह हार गए थे। इन आठ संसदीय क्षेत्रों में 1,50,65,682 मतदाता हैं, जिनमें 82,24,835 पुरुष मतदाता और 68,39,833 महिला मतदाता हैं।
दक्षिण में रेणुका, ओवैसी की सीटों पर भी चुनाव
तेलंगाना में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता निजामाबाद से दोबारा चुनाव लड़ेंगी, जहां कृषि उत्पाद की उचित कीमत नहीं मिलने जैसी अन्य समस्याओं पर ध्यान दिलाने के लिए 178 किसानों ने आंदोलन किया था। यह सभी किसान यहां से चुनाव मैदान में हैं। कविता कांग्रेस के मधु यक्षी गौढ़ और बीजेपी के डी. अरविंद के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में हैं। तेलंगाना में पहले चरण में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी (नलगोंडा), पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी (खम्मम), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (हैदराबाद) जैसे प्रमुख उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
आंध्र में विधानसभा चुनाव भी
आंध्र प्रदेश में मतदाता 25 लोकसभा तथा 175 विधानसभा प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे वहीं, तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे। यहां पिछले साल विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। उत्तराखंड की सभी पांच लोकसभा सीटों, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और मेघालय की दो-दो लोकसभा सीटों और छत्तीसगढ़, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ लक्षद्वीप में एक-एक लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को पहले चरण के तहत मतदान होंगे।