वसुधैव कुटुम्बकम का प्रतीक है ‘कुंभ’: नरेन्द्र गिरी

प्रयागराज
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी ने कहा कि ‘कुंभ’ आध्यात्मिक तरंगों का संगम है। यह वसुधैव कुटुम्बकम का प्रतीक है।
गिरि ने कहा कि गंगा, श्यामल यमुना और गुप्त सरस्वती के तट पर लगने वाला कुंभ मेला आध्यात्मिक तरंगों, परम्पराओं, भाषाओं, बौद्धिक एवं पौराणिक संगम के साथ ज्योतिष और वैज्ञानिक का आधार भी है। यह वैश्विक पटल पर शांति, सामंजस्य और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यहां विभिन्न संस्कृति, धर्म और विभिन्न विचारधाराओं का भी संगम होता है। विभिन्न प्रांतों से आए तीर्थयात्री आपस में विचार विमर्श कर सूचनाओं एवं ज्ञान का आदान-प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि कुंभ, अर्धकुंभ या माघ स्नान कोई साधारण पर्व नहीं है। यह ज्ञान, वैराग्य और आध्यात्म एवं धर्म का पर्व है। इस पर्व में धार्मिक माहौल बड़ा ही अनुपम होता है।