वीजा घोटाला मामले में भारतीय मूल के अकाउंटेंट सहित पांच को जेल

लंदन
ब्रिटेन में अदालत ने भारतीय मूल के एक अकाउंटेंट सहित पांच लोगों को वीजा घोटाले तथा गलत तरीके से कम से कम 1 करोड़ 30 लाख पाउंड के आयकर को वापस पाने का दावा करने के जुर्म में कुल 31 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है।
जाल्पा त्रिवेदी (41) को घोटाले के अकाउंटिंग पक्ष में शामिल होने के जुर्म में तीन वर्ष की कैद की सुनाई गई है। लंदन में रह रहे बांग्लादेशी मूल का विधि छात्र अब्दुल कलाम मोहम्मद रेजाउल करीम (42) इस संगठित अपराध का सरगना है। लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया गया कि इस व्यक्ति ने 79 फर्जी कंपनियां बनाईं। साथ ही फर्जी दस्तावेज तैयार किए।
न्यायाधीश मार्टिन ग्रिफिथ ने अपने आदेश में कहा, ‘इनका उद्देश्य वीजा देने के कार्यालय को बेवकूफ बनाना था और यह काम कर गया। गलत आंकड़ों के आधार पर 18 लोगों को वीजा दिया गया। इनमें से तीन को ब्रिटेन का नैसर्गिक नागरिक बनने की अनुमति मिल गई और दो को बने रहने के लिए अनिश्चितकालीन अवकाश दिया गया।’ पांचों आरोपियों को 31 दिसंबर 2008 से 27 फरवरी 2013 के बीच टियर-1 वीजा श्रेणी के तहत गलत आवेदन करके ठगी की साजिश करने का दोषी पाया गया।