वॉशिंगटन ने राज्य बनने के लिए पहला टेस्ट किया पास

वॉशिंगटन
अमेरिका की राजधानी को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की कवायद जारी है। वॉशिंगटन डीसी को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने के बिल पर बृहस्पतिवार को हाउस ऑफ रिप्रजेंटिव के सदस्यों ने वोट किया जिसमें इस बिल को पास कर दिया। हालांकि, इस दौरान रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने बिल के खिलाफ मत डाला, लेकिन चूंकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटिव में डेमोक्रेट के सदस्य ज्यादा हैं, लिहाजा ये बिल पूर्ण बहुमत से पास हो गया। हालांकि, अभी भी वॉशिंगटन को राज्य का दर्जा मिलने के लिए कई कवायद होने बाकी हैं।
अमेरिका की हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने वॉशिंगटन को राज्य बनाने वाला बिल पास कर दिया है और अगर आगे भी इस बिल ने तमाम कानूनी और संवैधानिक अड़चनों को पार कर लिया तो फिर वॉशिंगटन अमेरिका का 51वां राज्य बन जाएगा। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव से पास होने के बाद अब इस बिल को सीनेट में पास होने के लिए भेजा जाएगा। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में मतदान के दौरान इस बिल के समर्थन में 216 वोट डाले गये वहीं इस बिल के विरोध में 208 वोट डाले गये। हालांकि, सीनेट में इस बिल के पास होने पर शंका जताई जा रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी इस वॉशिंगटन जिले को राज्य बनाना चाहती है लेकिन रिपब्लिकन को इस बिल को लेकर एतराज है, लिहाजा माना जा रहा है कि 100 सीट वाले सीनेट में इस बिल का पास होना बेहद मुश्किल है। अमेरिकी इतिहास में ये दूसरा मौका है जब किसी बिल के समर्थन में पूरे देश के डेमोक्रेटिक ने बिल के समर्थन में मतदान किया हो। वहीं, व्हाइट हाउस ने भी इस बिल का समर्थन किया है।
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में पास होने के बाद सीनेटर पॉल स्ट्रॉस ने भारतीय न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि 'मैं काफी खुश हूं कि वॉशिंगटन को राज्य बनाने वाला बिल हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में पास हो गया है। इस बिल को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद पूरी तरह से एक जुट हुए, ये सबसे ज्यादा उत्साहित करने वाली बात है, हालांकि रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों का बिल के पक्ष में वोट नहीं देना निराशा की बात है।' वहीं, इलेनॉर हॉल्म्स नॉर्टन ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटिव से बिल पास होने के बाद कहा कि 'हाउस ऑफ रिप्रजेंटिव से वॉशिंगटन को राज्य बनाने का दर्जा बनाने वाले बिल का पास होना ऐतिहासक है और ये वॉशिंगटन में रहने वाले लोगों के लिए बड़ा दिन है'। नॉर्टन कांग्रेस में वॉशिंगटन का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन उनके पास वोट देने का अधिकार नहीं है।