वो भी कमाल के दिन थे,,,

गार्डन में उदास मुद्रा में बैठते थे,,,

तभी बच्चपन की याद आई,,,

और सोचने लगे कि वो भी कमाल के दिन थे,,,

जब मैडम हमे क्लास में मुर्गा बनाती थी,,,,

और एग्जाम में अंडे खुद देती थी!!