सिडनी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के मुँह से छिना मैच,भारत की दमदारी
सिडनी
अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने गजब का जज्बा दिखाते हुए सिडनी टेस्ट को ड्रॉ करा लिया है। 4 मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 की बराबरी पर है। सीरीज का आखिरी टेस्ट 15 जनवरी से ब्रिसबेन में खेला जाएगा।
रिषभ पंत की धमाकेदार पारी
युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने दूसरी पारी में कंगारू गेंदबाजों की जमकर खबर ली। पंत ने 118 गेंदों पर 12 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 97 रन बनाए। पंत जिस अंदाज में बैटिंग कर रहे थे उससे तो एक समय ऐसा लगा कि भारतीय टीम 407 रन के पहाड़ जैसे लक्ष्य को हासिल कर लेगी। लेकिन ऑफ स्पिनर नाथन लॉयन (Nathan Lyon) की गेंद पर पंत गच्चा खा गए और अपना विकेट गंवा बैठे।
पंत ने चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwara Pujara) के साथ मिलकर 148 रन जोड़े। तारीफ करनी होगी पंत का जिसने कोहनी चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाजी का जज्बा दिखाया और टीम इंडिया को अच्छी स्थिति में पहुंचाया।
जब अश्विन ने गाड़ा खूंटा
आमतौर पर आर अश्विन को ऑफ स्पिन गेंदबाजी में कमाल करते हुए देखा गया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने बैटिंग में भी हाथ दिखााए थे लेकिन सिडनी टेस्ट में जब टीम को उनकी जरूरत थी तो इस स्पिनर ने कमाल की बल्लेबाजी की। दूसरी पारी में जब क्रीज पर समय बिताने की बारी आई तो अश्विन ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। उन्होंने नाबाद 39 रन बनाने के लिए 128 गेंदों का सामना किया।
रोहित-शुभमन की अर्धशतकीय साझेदारी
सिडनी टेस्ट की पहली पारी में युवा ओपनर शुभमन गिल (Shubman Gill) ने अर्धशतकीय पारी खेली वहीं दूसरी पारी में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने भी फिफ्टी जड़ा। जब टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो इन दोनों ओपनर्स ने 71 रन की साझेदारी कर ठोस शुरुआत दी। रोहित ने 98 गेंदों पर 52 रन बनाए वहीं शुभमन 64 गेंदों पर 31 रन बनाकर आउट हुए। रोहित शुरुआती दो टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे।
पुजारा की लगातार दूसरी फिफ्टी
पहली पारी में अर्धशतक जड़ने वाले चेतेश्वर पुजारा ने दूसरी पारी में 77 रन का योगदान दिया। पुजारा ने 205 गेंदों पर 12 चौके लगाए। टीम इंडिया की नई दीवार कहे जाने वाले पुजारा का बल्ला सिडनी टेस्ट से पहले कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया था। दूसरी पारी में उन्होंने पंत के साथ जो शतकीय साझेदारी की उससे टीम इंडिया को काफी फायदा हुआ। एक छोर पर जहां पंत वनडे स्टाइल में खेल रहे थे वहीं दूसरी ओर पुजारा उनका बेहतरीन तरीके से साथ दे रहे थे।
हनुमा विहारी ने निभाई 'संकटमोचक' की भूमिका
मिडिल ऑर्डर बैट्समैन हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने जिस तरह एक छोर संभाले रखा उससे उनके धैर्य का पता चला। हनुमा ने सिडनी टेस्ट को बचाने के लिए 'संकटमोचक' की भूमिका निभाई। उन्होंने आर अश्विन (R Ashwin) के साथ छठे विकेट के लिए नाबाद 62 रन जोड़े। इनमें हनुमा का योगदान नाबाद 23 रन रहा। हनुमा ने इस दौरान 161 गेंदों का सामना किया। उन्होंन एक छोर संभाले रखा जिससे दूसरे छोर पर अश्विन को काफी मदद मिली।

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