अनंत कुमार को याद कर भावुक हुए राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू
नई दिल्ली
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू मंगलवार को केंद्रीय मंत्री और अपने‘प्रिय मित्र’ अनंत कुमार के निधन का जिक्र करते हुए भावुक हो गए। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत होने पर राज्यसभा में उन नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई जिनका निधन मानसून सत्र समाप्त होने के बाद और वर्तमान सत्र शुरू होने से पहले की अवधि में हुआ था। सभापति नायडू ने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए श्रद्धांजलि संदेश पढ़ा। फिर उन्होंने लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के लिए और अन्य नेताओं के लिए श्रद्धांजलि संदेश पढ़ा।
जब नायडू ने अनंत कुमार के लिए श्रद्धांजलि संदेश पढ़ा तो उनका गला रुंध गया। अनंत कुमार का 12 नवंबर को फेफड़ों के कैंसर से निधन हो गया था। वह 59 साल के थे। दिवंगत नेता के योगदान का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि अनंत कुमार के असामयिक निधन से उन्होंने अपने एक ‘प्रिय एवं करीबी मित्र’ को खो दिया है।
उन्होंने कहा कि अनंत कुमार अपनी ऊर्जा, उत्साह और स्वयं को मिली हर जिम्मेदारी को पूरी लगन के साथ निभाने के लिए जाने जाते थे। श्रद्धांजलि देने के बाद नायडू ने सदन में अपनी भावनाओं पर नियंत्रण न रख पाने के लिए माफी मांगी। अनंत कुमार बेंगलुरू दक्षिण लोकसभा सीट से 1996 में पहली बार सांसद बने थे। अपने निधन तक उन्होंने इसी सीट का प्रतिनिधित्व किया।