इंदौर मेट्रो के काम में 15 अगस्त से आएगी तेजी - तुलसी सिलावट
इंदौर
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से भेंट कर इंदौर मेट्रो परियोजना के काम में तेजी लाने के लिए चर्चा की। गौरतलब है कि इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम शुरू तो हो गया लेकिन इसके बाद वह थम गया।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सभी आवश्यक कामों के टेंडर कर दिए गए हैं और 15 अगस्त के बाद सभी काम शुरू किए जाएंगे। स्टेशन, अंडरग्राउंड स्टेशन, एलिवेटेड स्टेशन, डिपो, विद्युत लाइन ट्रांसमिशन और कनेक्टिविटी स्टेशन की ड्राइंग और निर्माण के लिए टेंडर कर अनुबंध किया जा रहा है।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट में काम लंबित है। सभी कामों की समय सीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि इंदौर मेट्रो परियोजना में मेट्रो के प्रथम चरण में 31 किलोमीटर लंबाई की मेट्रो ट्रैक निर्माणाधीन है, जिसमें 24 किलोमीटर से अधिक लंबाई में एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक और 7.48 किलोमीटर लंबाई का अंडरग्राउंड रेलवे मेट्रो ट्रैक बनाया जाना है जिसकी लागत 7500 करोड़ की है। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार के 50: 50 के अनुपात में वित्तीय भार आना है। लगभग 440 करोड़ के काम पीपीपी मोड पर किए जाना प्रस्तावित है। मेट्रो स्टेशन के लिए 30 स्थानों को चिन्हित किया गया है।
प्रथम चरण में येलो लाइन का 31 .54 किलोमीटर लंबाई का मेट्रो ट्रैक बनना है जिसमें गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर, भोरासला चौराहा, रेडिसन चौराहा, मुमताज बाग कॉलोनी से रेलवे स्टेशन और स्टेशन से गांधीनगर तक मेट्रो ट्रेन का काम तीव्र गति शुरू होगा। गांधीनगर में मेट्रो के डिपो के लिए जगह आरक्षित है जिसका काम भी जल्दी ही शुरू कर दिया जाएगा।
नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इंदौर मेट्रो की येलो लाइन को शीघ्र पूरा करने के लिए तीव्र गति से काम शुरू कराया जा रहा है। 421 करोड़ की लागत से सात एलिवेटेड मेट्रो रेल स्टेशन का डिजाइन निर्माण के लिए फरवरी 20 में ही टेंडर किए जा चुके हैं। इसी प्रकार इंटरफेयर लोकेशन और डिपो कनेक्टिविटी और नौ एलिवेटेड स्टेशन की डिजाइन के लिए 1000 करोड़ की निविदा मार्च में जारी की जा चुकी है। अनुबंध की प्रक्रिया जारी है। 15 अगस्त के बाद सभी कार्य स्थलों पर तीव्र गति से काम शुरू कर दिए जाएंगे।