ई-मेल के जरिए मामले की तह तक जाएगी सीबीआई

ई-मेल के जरिए मामले की तह तक जाएगी सीबीआई

 नई दिल्ली
 
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआई ने सोमवार को भोजनावकाश के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर 3:55 बजे राऊज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में पेश किया।  सीबीआई ने अदालत से कहा कि भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच महत्वपूर्ण दौर में है और बड़ी साजिश का खुलासा किया जाना बाकी है। सीबीआई की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले से जुड़े कई ई-मेल और कुछ सह आरोपियों से चिदंबरम का आमना-सामना कराया जाना है, ताकि मामले में बड़ी साजिश का खुलासा हो सके। ऐसे में चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि बढ़ाने की जरूरत है। 

सॉलीसिटर जनरल ने कहा, जांच महत्वपूर्ण चरण में : सीबीआई की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में अर्जी दाखिल कर चिदंबरम की हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग की। मेहता ने कहा कि हमने आरोपी को मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज दिखाए हैं और पूछताछ की है। जांच दल ने चिदंबरम से 23 से 26 अगस्त तक पूछताछ की है। इस दौरान एक सह-आरोपी से उनका आमना-सामना कराया गया है, लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया। अभी कुछ अन्य आरोपियों से भी चिदंबरम का आमना-सामना कराया जाना है। पांच दिन की रिमांड चाहिए।
 

अदालत ने कहा, सीबीआई ने चार दिन में क्या किया : विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने सीबीआई से जानना चाहा कि पिछले 4 दिनों में उसके क्या किया। हमें विस्तार से बताइए। तुषार मेहता बोले, ईडी ने हमें कई अहम सुराग दिए।

लेन-देन से जुड़े एक भी सवाल नहीं पूछे : सिब्बल
चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीबीआई द्वारा पांच दिन की हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग का कड़ा विरोध किया। उन्होंने चिदंबरम से दो मिनट बात करने के बाद अदालत को बताया कि पिछले रिमांड आवेदन में 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का उल्लेख था और इन चार दिनों के दौरान एक भी दस्तावेज उनके (चिदंबरम) समक्ष नहीं रखा गया। 

तुषार मेहता ने कहा, जांच शुरुआती दौर में
मेहता ने कहा, हमने रविवार को जांच टीम से जानना चाहा था कि 4 दिन की हिरासत में अब तक आपने क्या किया है। हमने अधिकारियों से यह भी पूछा था कि 26 घंटे तक आपने पूछताछ किया है तो अब किस लिए हिरासत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने बताया कि अभी जांच शुरुआती दौर में है और इसके तह में जाना बाकी है। मेहता ने कहा कि अधिकारियों ने यह भी बताया कि हमने पांच देशों को मामले की जांच में सहयोग के लिए विधि आग्रह पत्र भेजा है और जवाब का इंतजार किया जा रहा है।