क्या ऑटो के किराए बढ़ेंगे, सरकार ने बनाई कमिटी
नई दिल्ली
ऑटो समेत दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट वीइकल के किराए में बढ़ोतरी की मांग को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 11 सदस्यीय कमिटी का गठन कर दिया है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से 16 नवंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि यह कमिटी 30 दिनों के अंदर सरकार को रिपोर्ट देगी। यह कमिटी ऑटो के साथ-साथ मिनी आरटीवी बस, मेट्रो फीडर, ग्रामीण सेवा, मैक्सी कैब, फटफट सेवा और इको फ्रेंडली सेवा वीइकल के किराए में बढ़ोतरी को लेकर भी सिफारिश देगी।
स्पेशल कमिश्नर (ट्रांसपोर्ट) अनिल बंका की अध्यक्षता में बनी यह कमिटी 30 दिनों में रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। बीती 23 जुलाई को ऑटो ड्राइवरों ने सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी और उनसे किराये में बढ़ोतरी की मांग की थी। ऑटो ड्राइवरों ने कहा था कि 2013 से ऑटो किराए में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
सीएनजी के रेट के अलावा इंश्योरेंस प्रीमियम में भी बढ़ोतरी हो गई है और दिल्ली में खर्चे बहुत बढ़ गए हैं। ऐसे में किराया बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं एसटीए ऑपरेटर्स एकता मंच की मांग को देखते हुए सरकार ने इस कमिटी को निर्देश दिया है कि आरटीवी, मेट्रो फीडर व दूसरी छोटे पैसेंजर्स वीइकल के किराये में बढ़ोतरी की मांग पर भी रिपोर्ट दी जाए।
मंच के प्रवक्ता श्यामलाल गोला का कहना है कि पिछले नौ साल से मिनी आरटीवी समेत इन छोटी गाड़ियों का किराया नहीं बढ़ा है और अब कमिटी को किराये में बढ़ोतरी की मांग के मुताबिक फैसला लेना चाहिए। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के आदेश के मुताबिक कमिटी यह भी देखेगी कि ऑटो के ट्रैफिक जाम में फंसने पर वेटिंग चार्ज लागू किया जा सकता है या नहीं? दिल्ली में आखिरी बार मई 2013 में ऑटो के किराये में बढ़ोतरी की गई थी।
दिल्ली में इस समय करीब एक लाख ऑटो चल रहे हैं। हालांकि कुछ संगठनों ने सरकार की मंशा पर सवाल भी उठाया है। ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है दिल्ली ऑटो टैक्सी चालक पहले से ही दिल्ली सरकार की गलत नीतियों के कारण अपनी रोजी रोटी के लिए दर बदर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर हुआ पड़ा हैं। उनका कहना है कि अगर किराए बढ़ाए जाते हैं तो इससे ऐप बेस्ड टैक्सियों को फायदा होगा।