बारिश का असर हुआ कम, फिर खराब हुई दिल्ली की हवा

 बारिश का असर हुआ कम, फिर खराब हुई दिल्ली की हवा

 

 
नई दिल्ली 

दिल्ली और एनसीआर में सड़कों पर सांस लेना आपकी सेहत के लिए उससे कहीं अधिक खतरनाक है, जितना आप अंदाजा लगाते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिल्ली नगरपालिका परिषद से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर और दिसंबर में कनॉट प्लेस की हवा अधिक खतरनाक हो गई है। यहां तीन बिंदुओं पर औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में थी। 
 
दूसरी ओर, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को बहुत खराब दर्ज की गई, क्योंकि बारिश का असर घटने लगा और प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक शहर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 337 तक पहुंच गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के 30 इलाकों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई, जबकि दो इलाकों में यह खराब की श्रेणी में रही। बोर्ड के अनुसार एनसीआर में गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम (गुड़गांव) और नोएडा में वायु गुणवत्ता बहुत खराब रही। 

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को बारिश के बाद प्रदूषक तत्वों के छंटने एवं हवा के साफ होने के बाद रविवार को दिल्ली का प्रदूषण स्तर घट गया था। दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले दो हफ्तों से बहुत खराब एवं गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। सीपीसीबी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में सोमवार को हवा में अतिसूक्ष्म कणों-पीएम 2.5 का स्तर 177 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 266 रहा। 

गौरतलब है कि 100 से 200 के बीच एक्यूआई को ‘मध्यम‘, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ जबकि 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के मुताबिक दिल्ली की संपूर्ण वायु गुणवत्ता बहुत खराब थी। सफर ने कहा, शनिवार को हुई बारिश एवं तेज हवाएं प्रदूषक तत्वों के कुछ हद तक बिखराव और एक्यूआई में सुधार के लिए पर्याप्त थी।' 

उन्होंने कहा- वायु गुणवत्ता के आगे खासकर दिन में बहुत तेजी से और सुधरने के आसार हैं, क्योंकि सतही हवाओं की मध्यम गति प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए सही दिशा में काम कर रही है जो ठंडे एवं कोहरे भरी मौसमी स्थितियों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब एक अहम कारक है। हालांकि उसने यह भी कहा कि इस राहत की दो दिन से ज्यादा उम्मीद नहीं की जानी चाहिए क्योंकि हवा में नमी बहुत ज्यादा है और तापमान के आगे और गिरने की आशंका है जिससे प्रदूषक तत्व सतह के आस-पास ही जमे रहेंगे। सफर के अनुसार मंगलवार से एक्यूआई धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाएगा।