पंजीकृत गौशालाओं को देय अनुदान में 10 प्रतिशत वृद्धि: गोपालन मंत्री

पंजीकृत गौशालाओं को देय अनुदान में 10 प्रतिशत वृद्धि: गोपालन मंत्री

जयपुर। गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने मंगलवार को विधानसभा में कहा में कहा कि इस वर्ष बजट में गौवंश संरक्षण व संवर्धन की दृष्टि से पंजीकृत गौशालाओं को देय अनुदान में 10 प्रतिशत वृद्धि करने की घोषणा की गई है।

गोपालन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोपालन कर रहे पशुपालकों को राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में अनुदान दिया जा रहा है। योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की समस्त पशु चिकित्सा संस्थाओं में निःशुल्क उपचार, शल्य चिकित्सा एवं दवा वितरण किया जा रहा है। पशुपालकों के बीमार पशुओं की निःशुल्क जांच की जा रही है। पशुपालकों को विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इसी प्रकार किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लिये जाने पर ब्याज पर अनुदान दिया जा रहा है। नस्ल सुधार कार्यक्रम अंतर्गत राष्ट्रीय नस्ल सुधार कार्यक्रम अंतर्गत पशुपालकों को निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा दी जा रही है तथा पशुओं में निःशुल्क टीकाकरण कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पशुपालकों को अपनी गायों को प्रदेश व प्रदेश से बाहर ले जाने व लाने के लिए वर्तमान में राजस्थान गौ-वंशीय पशु अधिनियम, 1995 एवं तथा राजस्थान गौ-वंशीय पशु अधिनियम, 2018 बने हुए हैं, जिनमें गौवंश के परिवहन हेतु विस्तृत नियम और दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इन नियमों का पालन करते हुए कोई भी पशुपालक अपने गौवंश को प्रदेश और अन्य प्रदेेश में आदान-प्रदान अथवा परिवहन कर सकता है। उन्होंने कहा कि गोवंश के परिवहन में किसी प्रकार की समस्या आने पर प्रशासन व पुलिस की भी मदद ली जा सकती है।

इससे पहले विधायक रतन देवासी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में गोपालन मंत्री ने बताया कि गौशालाओं/कांजी हाउस में संधारित गौवंश को भरण पोषण हेतु वर्तमान में बडे़ गौवंश हेतु 40 रूपये तथा छोटे गौवंश हेतु 20 रूपये प्रति गौवंश प्रति दिन की दर से सहायता राशि 270 दिवस की दिये जाने का प्रावधान है। साथ ही गौशालाओं में अंधे एवं अपाहिज गौवंश तथा नंदीशालाओं में संधारित नर गौवंश को उक्त समान दर पर 12 माह की सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है।

उन्होंने जनवरी 2023 से मई 2024 तक प्रदेश में निधि नियम अंतर्गत गौशालाओं में संधारित गौवंश के भरण पोषण हेतु दिये गये अनुदान का संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 10 जुलाई, 2024 को वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा अंतर्गत मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजनान्तर्गत अनुदानित दर पर दुधारू गायों का बीमा तथा सेक्स सोर्टेड सीमन के उपयोग पर 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

गोपालन मंत्री ने बताया कि राज्य में गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु वर्तमान में राजस्थान गौ-वंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रव्रजन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 1995 एवं इस अधिनियम के नियम, 1995 तथा राजस्थान गौ-वंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रव्रजन या निर्यात का विनियमन) (संशोधन) अधिनियम, 2018 प्रचलित है।

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