आजाद और जीवंत प्रेस ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत पत्रकारिता के स्वस्थ मूल्यों के लिए कार्य हो: राज्यपाल

आजाद और जीवंत प्रेस ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत पत्रकारिता के स्वस्थ मूल्यों के लिए कार्य हो: राज्यपाल

विश्वविद्यालय के नवनिर्मित मुख्य भवन का राज्यपाल मिश्र ने किया लोकार्पण 

जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि आजाद और जीवंत प्रेस ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता के इस दौर में भाषा विशेषज्ञों, शब्द संवेदना से जुड़े मर्मज्ञ विद्वानों की सहायता से पत्रकारिता के स्वस्थ मूल्यों के लिए विश्वविद्यालय नींव रूप में कार्य करे।

श्री मिश्र शनिवार को हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के नवनिर्मित मुख्य भवन का ऑनलाइन लोकार्पण भी किया और इसके लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता शिक्षा के अंतर्गत नई शिक्षा नीति के आलोक मे ऐसे पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं जो युग की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए नई पीढ़ी को संवेदनशील, सजग और भविष्य के बेहतर नागरिक बना सके। उन्होंने "विकसित भारत" की संकल्पना को साकार करने के लिए पत्रकारिता शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों की सहभागिता का भी आह्वान किया।

राज्यपाल ने कहा कि पत्रकारिता का यह दौर चुनौतीपूर्ण है। मीडिया में इस बात की होड़ मच रही है कि पल—पल की खबरों को कैसे सबसे पहले प्रकाशित—प्रसारित किया जाए। ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाए कि मानव मूल्य कहीं तिरोहित नहीं हो। उन्होंने पत्रकारिता शिक्षा के अंतर्गत मानवीय मूल्यों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भविष्य के पत्रकार, जनसंचार कर्मी तैयार किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने डीप फेक, तथ्यहीन और मर्यादाहीन समाचार प्रस्तुति आदि की चर्चा करते हुए कहा कि भ्रामक समाचारों से कैसे बचा जाए, इस पर भी कार्य होना चाहिए।

श्री मिश्र ने कहा कि मीडिया का एक बड़ा कार्य आम जन को राज्य के कल्याणकारी कार्यों, विकास योजनाओं और उपलब्धियों के प्रति सजग करना भी है। जनसंचार शिक्षा की इसमें महती भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं और विकास कार्यक्रम प्रभावी रूप में आम जन तक कैसे पहुंचे, जनसंचार माध्यमों की सकारात्मक भूमिका इसमें कैसे बनी रहे, इसके शिक्षण पर भी विश्वविद्यालय प्रभावी रूप में कार्य करें।

राज्यपाल ने इस अवसर पर विभिन्न अनुशासनो में  94 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की। उन्होंने 6 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए। इनमें 5 पदक छात्राओं को मिलने पर उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि जिस समाज में बालिकाएं आगे बढ़ती है, वही समाज तेजी से आगे बढ़ता है।

राज्यपाल श्री मिश्र ने इससे पहले संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के नव निर्मित और लोकार्पित भवन पर वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया। 

राजेंद्र शंकर भट्ट की स्मृति में पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षण के लिए 7 लाख रुपए का सहयोग

विश्वविद्यालय कुलपति श्रीमती सुधि राजीव ने राज्य के पहले जनसंपर्क निदेशक और प्रख्यात लेखक स्व. डा. राजेंद्र शंकर भट्ट की स्मृति मे उनकी पुत्री डॉ. सुभा त्रिपाठी द्वारा पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षा के लिए सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षा के श्री भट्ट अग्रदूत रहे हैं। उनका अवदान अविस्मरणीय हैं।