भाजपा ने 2024 फतह के लिए बनाई रणनीति, 70 वर्ष के ऊपर वालों का कटेगा टिकट!

भाजपा ने 2024 फतह के लिए बनाई रणनीति, 70 वर्ष के ऊपर वालों का कटेगा टिकट!

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में होने वाले हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है। बुधवार देर रात पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर कुछ चुनिंदा कैबिनेट मंत्रियों, पार्टी के प्रभारियों और सांसदों की एक मीटिंग हुई, इसमें कई निर्णय लिए गए। सूत्रों की मानें तो अब हरेक सांसदों के जिम्मे 100 बूथ और विधायकों के जिम्मे 25 ऐसे बूथ होंगे, जहां पार्टी कमजोर है। 

2019 में हारने वाली सीटों पर होगा फोकस
भाजपा का फोकस उन 144 लोकसभा सीटों पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने की है, जहां 2019 में हार का सामना करना पड़ा था। संगठन के महासचिव बीएल संतोष ने योजना पर एक प्रस्तुति दी जिसमें केंद्रीय मंत्रियों के लिए बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान शामिल है।

1955 के बाद जन्म लेने वालों को नहीं मिलेगा टिकट
पार्टी के उच्चस्तर पर इस बात को लेकर सहमति बनी है कि ऐसे मौजूदा सांसद जिनका जन्म 1955 के बाद हुआ है, उन्हें ही 2024 में लोकसभा का टिकट दिया जाएगा। इससे पहले जन्मे नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा। यानी 70 प्लस के नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा। केवल एक-दो अपवादों में ही इस नियम से छूट मिलेगी। यह नियम लागू हुआ तो भाजपा के मौजूदा 301 सांसदों में से 81 को टिकट नहीं मिलेगा।

25% सांसद चुनाव के समय तक 70 वर्ष के ऊपर होंगे
17वीं लोकसभा में भाजपा के लगभग 25% सांसद 2024 के चुनाव तक 70 से अधिक उम्र के हो जाएंगे। 1956 से पहले जन्मे मौजूदा सांसदों में सबसे अधिक UP से 12, गुजरात से 10, कर्नाटक से 9, महाराष्ट्र से 5, झारखंड से 2, बिहार से 6, मध्य प्रदेश से 5 और राजस्थान से 5 हैं।

तीन स्तर के नेताओं होगी तैनाती
बीजेपी इन सीटों पर अगले 18 महीनों में काम करने के लिए तीन स्तर के नेताओं को तैनात करेगी। सबसे पहले एक केंद्रीय समिति होगी जिसमें राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे जो पूरे कार्यक्रम की निगरानी करेंगे। दूसरा, एक राज्य समिति योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करेगी। तीसरा, केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक क्लस्टर समिति गतिविधियों की देखरेख और केंद्रीय और राज्य समितियों के बीच समन्वय में सीधे तौर पर शामिल होगी।

कई कद्दावर नेताओं का कट सकता है टिकट
हेमा मालिनी (मथुरा), सदानंद गौड़ा (बेंगलुरु), राव साहेब दानवे (जालना), वीके सिंह (गाजियाबाद), अश्विनी चौबे (बक्सर), एसएस अहलूवालिया (वर्धमान), रीता बहुगुणा जोशी (इलाहाबाद), रतनलाल कटारिया (अंबाला), किरण खेर (चंडीगढ़), अर्जुनराम मेघवाल (बीकानेर), श्रीपद नायक (गोवा), सीआर पाटिल (नवसारी), रविशंकर प्रसाद (पटना साहिब), राव इंद्रजीत सिंह (गुड़गांव), गिरिराज सिंह (बेगूसराय), राधामोहन सिंह (पूर्वी चंपारण), आरके सिंह (आरा), सत्यपाल सिंह (बागपत) इस फॉर्मूले के जद में आ जाएंगे।

देशभर में 74 हजार कमजोर बूथों का चयन
भाजपा ने देशभर में 74 हजार कमजोर बूथों का चयन किया है, जहां संगठन पूरी तरह कमजोर है। इन बूथों को मजबूत करने की जिम्मेदारी विधायक और सांसदों को दी गई है। यहां पर विधायक और सांसद लोकल इन्फ्लूएंसर, संघ के स्थानीय प्रचारक के साथ कोऑर्डिनेट कर बूथ मजबूत करने का काम करेंगे।

संगठनात्मक प्रभारी हर 15 दिन में एक रात प्रत्येक लोकसभा सीट पर बिताएंगे
कार्यक्रम के तहत पार्टी के संगठनात्मक प्रभारी हर 15 दिन में एक रात प्रत्येक लोकसभा सीट पर बिताएंगे। प्रत्येक लोकसभा के प्रभारी पहले दो महीनों में लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक रात बिताएंगे। बाद में रात्रि प्रवास के लिए वह लोकसभा प्रभारी के लिए साप्ताहिक कार्य करेंगे।

जाति, पार्टी के पक्ष और विपक्ष में मुद्दों के आधार पर डेटा तैयार करेगी टीम
लोकसभा टीम की जिम्मेदारी जाति, पार्टी के पक्ष और विपक्ष में मुद्दों के आधार पर डेटा तैयार करने की होगी। साथ ही कमजोर विधानसभा क्षेत्रों, चुनाव पूर्वानुमान और जाति समीकरण को उजागर करते हुए एक डोजियर तैयार किया जाएगा। टीम इन 144 सीटों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों पर भी नजर रखेगी। पार्टी ने विपक्षी शासित राज्यों के निर्वाचन क्षेत्रों में भी हर महीने कैंपेन की योजना बनाई है।

हर लोकसभा सीट के लिए विशेष मीडिया प्रभारी की होगी नियुक्ति
प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए विशेष मीडिया प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। टीम को उन स्थानीय मीडिया घरानों को समझाने का भी काम सौंपा जाएगा जो भाजपा के खिलाफ हैं। सोशल मीडिया टीम को इस साल दिसंबर तक इन 144 लोकसभा सीटों में से प्रत्येक में कम से कम 50,000 फॉलोअर बढ़ाने का लक्ष्य दिया जाएगा।

जून से काम शुरू होगा 
विभिन्न मतदाता समूहों जैसे युवा, लाभार्थी, महिलाओं, सशस्त्र बलों में शामिल लोगों और केंद्रीय मंत्रियों को लक्षित करते हुए विभिन्न स्तरों पर सार्वजनिक संपर्क कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रियों को भी सरकारी कार्यक्रमों के लाभार्थियों के साथ अपनी सेल्फी अपलोड करने के लिए कहा गया है। इस विस्तृत कार्यक्रम पर जून से काम शुरू होगा और पहले चरण के पूरा होने के बाद मूल्यांकन किया जाएगा। इसी के तहत अगले चरण की योजना बनाई जाएगी।