सवालों के घेरे में भ्रष्टाचार के आरोपी पर भोपाल रेल मंडल की मेहरबानी

सवालों के घेरे में भ्रष्टाचार के आरोपी पर भोपाल रेल मंडल की मेहरबानी

नेताओं के बढ़ते दखल से अफसरों में पनप रहा आक्रोश

भोपाल। भोपाल रेल वैसे तो अपने कारनामों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार भोपाल रेल मंडल का एक कारनामा अधिकारियों और कर्मचारियों के आक्रोश कारण बन रहा है। दरअसल, हाल के महीनों में कुछ ऐसे अफसरों को इधर से उधर किया गया जो किसी को हजम नहीं हो रहा है। जबकि रेल मंडल में ऐसा नहीं होता है। यह मामला यहीं नहीं थमता, यहां तक कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अफसरों को मुख्य विभागों की कमान सौंप दी गई है। इससे साफ है कि केंद्र सरकार की नीति 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' को पतीला लगाया जा रहा है। यानी यहां अब खाओ और खिलाओ की नीति को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह सब काम मप्र के भाजपा नेता एवं सांसदों की मिलीभगत से हो रहा है।

आरोपी को दे दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

दरअसल, भोपाल मंडल में पदस्थ रहे तत्कालीन वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक विजय प्रकाश, जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और विभागीय जांच के दायरे में हैं। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी पर पमरे भोपाल मंडल ने मेहरबानी दिखाकर उन्हें पीओ-आरसीटी, जैसी संवेदनशील जगह पर तैनात कर दिया है। गौरतलब है कि रेलवे इस पद के माध्यम से करोड़ों रुपए का क्लेम निष्पादन करती है और इतनी संवेदनशील पोस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को बैठाना किसी को हजम नहीं हो रहा है।

चाटुकारिता हाबी

यही नहीं, राजनीति मुक्त रेल मंडल में अब नेताओं की दखलअंदाजी से अफसरों में आक्रोश पनप रहा है। आलम यह है कि कुछ चाटुकार अफसरों की वजह से वरिष्ठ अफसरों को दरकिनार किया जा रहा है और चापलूस व कनिष्ठों पर मेहरबानी दिखाई जा रही है।