मौसम के मिजाज में बदलाव, नहीं पड़ेगी ज्यादा ठंड, मार्च से होगी तेज तपिश
भोपाल। इस बार मौसम के मिजाज में काफी बदलाव देखा जा रहा है। नवंबर का माह आधा निकल चुका है, लेकिन अब तक अपेक्षाकृत ठंड नहीं पड़ रही है। न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री के आसपास बना हुआ है। दिसंबर और जनवरी में भी कोल्ड-डे और कोल्ड वेव जैसी स्थिति कम दिन ही देखने को मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अल-नीनो और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से इस बार इस तरह के हालात बन रहे हैं। इसके असर से गर्मी महीने भर पहले शुरू होने की संभावना है। मार्च में ही अप्रेल-मई माह जैसी तेज तपिश हो सकती है।
गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक अल-नीनो का प्रभाव मई 2024 तक बना रहेगा। इस कारण गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है। कृषि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार सर्दियों के दिन कम होंगे और गर्मी के दिन बढ़ेंगे। इससे फसल चक्र प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्र में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल बुवाई होती है और सर्दी अचानक कम होने से गेहूं फसल की ग्रोथ पर सबसे अधिक असर पड़ रहा है। यदि यही मौसम बना रहता है तो उपज पर 15 से 20 प्रतिशत असर पड़ सकता है। कम सर्दी में गेहूं फसल की बढ़त रुक जाती है। इसके अलावा सर्दी कम होने का असर अन्य रबी फसलों पर भी पड़ेगा। यदि समय से पहले गर्मी आई तो इसका भी फसल पर प्रभाव पड़ेगा।- एचडी वर्मा, कृषि वैज्ञानिक
सूखे और बाढ़ का खतरा
अल-नीनो के कारण प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है। इस गर्मी की वजह से समुद्र में चल रही हवाओं के रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आता है। इससे मौसम चक्र प्रभावित होता है जिससे कई जगह सूखा पड़ता है और कई जगहों पर बाढ़ का भी खतरा है। एक्सपर्टस का कहना है कि 2024 में अल-नीनो और ग्लोबल वार्मिंग के कारण डबल स्टार की स्थिति बन रही है। अल-नीनो की गति के अध्ययन से अंदाजा लगाया जा रहा है कि अप्रेल तक इसकी सक्रियता तीखी बनी रह सकती है। अप्रेल में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। सामान्य तौर पर मैदानी क्षेत्रों में इस वक्त तापमान 34 से 36 डिग्री के बीच रहता है।