सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा: कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने आयोजित की सांस्कृतिक संध्या

सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा: कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने आयोजित की सांस्कृतिक संध्या

जयपुर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के मुख्य आतिथ्य में कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के ‘सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा’ के अंतर्गत गुरुवार को जयपुर स्थित राजस्थान इन्टरनेशनल सेन्टर में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।  


उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन, 17 सितम्बर से गाँधी जयंती, 2 अक्टूबर  तक राज्य में सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की ओर से  ‘सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा’ भी आयोजित किया गया है जिसमें प्रतिदिन सांस्कृतिक आयोजन किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी हमारी भारतीय कला और संस्कृति के संरक्षण में योगदान दें। 

दिया कुमारी ने आम जन से अपील कर कहा कि इस आयोजन में आप सपरिवार पधारकर देश की गौरवशाली और विविधतापूर्ण  संस्कृति का रस्वादन करें। हमें अपनी संस्कृति का संरक्षण करना होगा, अपनी अगली पीढ़ी को  हमारी भव्य, शानदार संस्कृति से रूबरू करवाना होगा। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों में रूचि लेकर सहभागिता करके ही हम हमारी गौरवशाली भारतीय संस्कृति का संरक्षण कर सकते हैं।


इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व मंत्री दिया कुमारी ने  सांसद श्रीमती मंजू शर्मा , कला, साहित्य, संस्कृति व पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव, पर्यटन आयुक्त श्रीमती रुक्मणि रियार, जवाहर कला केंद्र एडीजी श्रीमती अलका मीणा की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक संध्या का विधिवत शुभारम्भ किया।

सांस्कृतिक संध्या में दर्शक हुए  अभिभूत


सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान की रंग बिरंगी संस्कृति के साथ पारंपरिक कथक का अद्भुत संयोजन देखने को मिला। जयपुर कथक केंद्र के संयोजन में  'पधारो म्हारे देश' गीत पर ईशानी, तनिष्का, मनस्वि, छवि, हर्षिता ग्याना, रिद्धिमा,रुचिका व श्रेया ने कथक नृत्य में बेहतर फुटवर्क व आंगिक अभिनय का प्रदर्शन किया। राजस्थानी गीतों के साथ बीच में कथक के तकनीकी पहलुओं की प्रस्तुति भी देखने को मिली। चेतन कुमार जवड़ा व सिमरन अग्रवाल ने नृत्य निर्देशन किया। पखावज पर प्रवीण आर्य,गायन एवं हारमोनियम पर रमेश मेवाल, सितार पर पं. हरिहर शरण भट्ट, सारंगी पर अमीरुद्दीन खान, तबले पर आदित्य सिंह राठौड़, ढोल पर मोहित चौहान, खड़ताल पर लक्की राणा और बांसुरी पर संदीप सोनी ने संगत की।

ब्रज की संस्कृति से रूबरू करवाने वाली  ब्रज रसिया की प्रस्तुति ने सभी कला प्रेमियों को कृष्ण रंग में रंग दिया। राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के संयोजन में हुई इस प्रस्तुति की शुरुआत कलाकारों ने ब्रजभूमि की महिमा का बखान करते हुए की। ढोलक, नगाड़ा, और हारमोनियम की संगत के साथ ब्रजभाषा के मधुर गीतों पर कलाकारों ने यह नृत्य प्रस्तुति दी। कृष्ण और राधा रानी के वेश में नृत्य करते हुए कलाकारों ने सभी का मन मोहा। अंत में कलाकारों ने फूलों की होली खेली जिससे माहौल कृष्णामय हो गया और सभागार में राधे-राधे की गूंज सुनाई दी।  प्रस्तुतकर्ताओं में नानक चंद शर्मा, टेकचंद शर्मा, करण सिंह, मधु मीणा, सचिन झाड़ोलिया, तृषा, योगेश कुमार और माधव शामिल रहे।

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