पंचायती राज और नगरीय निकायों का परिसीमन जन-भावनाओं के अनुरूप किया गया संपादित: संसदीय कार्य मंत्री
जोधपुर सर्किट हाऊस में की जनसुनवाई, अधिकारियों को परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण के दिए निर्देश
जयपुर। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने रविवार को जोधपुर सर्किट हाऊस में जनसुनवाई कर आमजन की परिवेदनाएं सुनी और अधिकारियों को त्वरित निस्तारण के लिए आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा भी साथ रहे।
पटेल ने कहा यशस्वी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पंचायती राज और नगरीय निकायों का परिसीमन जन-भावनाओं के अनुरूप संपादित किया गया है। उन्होंने कहा शासन और प्रशासन की बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की भावना को प्राथमिकता दी है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा परिसीमन की प्रक्रिया स्थानीय आवश्यकताओं, भौगोलिक परिस्थितियों और क्षेत्रीय विषमताओं को ध्यान में रखकर पूरी की गई है। उन्होंने कहा परिसीमन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों की वास्तविक जरूरतों के अनुसार स्थानीय विकास की इकाइयों के पुनर्गठन हो, जिससे आमजन से जुड़े कार्य घर के निकट आसानी से संपादित किए जाएं। उन्होंने कहा छोटी पंचायतों से योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से होगा।
पटेल ने कहा आमजन की राय, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के सुझाव और स्थानीय परिस्थितियों का व्यापक आकलन कर नई सीमाओं के निर्धारण किया गया है। उन्होंने कहा परिसीमन से जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा यह कदम राजस्थान के समग्र विकास को नई दिशा देगा और जनता के विश्वास और अधिक सुदृढ़ करेगा।
विधानसभा क्षेत्र लूणी में 41 नई पंचायत और झंवर पंचायत समिति का हुआ गठन
विधानसभा क्षेत्र लूणी में 41 नवीन ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। वहीं झंवर नवीन पंचायत समिति का गठन किया गया है, जिसका मुख्यालय पाल रोड़ रहेगा। क्षेत्रवासियों ने सर्किट हाऊस जोधपुर पहुंचकर माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और संसदीय कार्य मंत्री पटेल का आभार प्रकट किया।
अधिकारी लोक सेवाओं की नियमित एवं निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करें
पटेल ने कहा प्रदेश सरकार आमजन की समस्याओं के निराकरण के साथ ही जन कल्याण और सामुदायिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इन प्रयासों में कहीं कोई कमी नहीं रखी जाएगी। उन्होंने कहा बुनियादी लोक सेवाओं तथा जन सुविधाओं की नियमित एवं निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना विभागीय अधिकारियों का सर्वोच्च दायित्व है जिसे उन्हें पूरी संवेदनशीलता के साथ निर्वहन करना चाहिए ताकि सुशासन के संकल्पों को साकार किया जा सके।
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